अब झारखंड के सभी जिलों के सदर अस्पतालों में फेको (फेकोएमल्सिफिकेशन) पद्धति से आंखों की सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होगी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने 20 जिलों के सदर अस्पतालों के लिए एक-एक फेको मशीन खरीदने की स्वीकृति प्रदान की है. इसमें रांची, दुमका, पलामू और हजारीबाग को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि इन जिलों में पहले से ही यह सुविधा मौजूद है. बाकी जिलों के अस्पतालों में यह सुविधा पहली बार लागू होगी, जिससे स्थानीय स्तर पर आंखों की सर्जरी संभव हो सकेगी.
5.19 करोड़ की स्वीकृति
इस योजना के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 5.19 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है और यह राशि संबंधित जिलों को जारी कर दी गई है. साथ ही, फेको मशीन के लिए अधिकतम दर भी तय कर दी गई है. रांची सिविल सर्जन की रिपोर्ट के आधार पर, यहां सांसद निधि से खरीदी गई मशीन की दर को आधार मानकर हर जिले के लिए 25.94 लाख रुपये प्रति मशीन की स्वीकृति दी गई है.
आंखों की सर्जरी के लिए अब मरीज नहीं जाएंगे बाहर
इससे पहले, इन जिलों में फेको मशीन की अनुपलब्धता के कारण आंखों की सर्जरी संभव नहीं हो पाती थी, और मरीजों को रांची या अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था. अब इन जिलों में भी इस अत्याधुनिक तकनीक से आंखों की सर्जरी हो सकेगी. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इन अस्पतालों में नेत्र चिकित्सकों की नियुक्ति हो चुकी है, और अन्य आवश्यक मानव संसाधन आउटसोर्सिंग के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे.
पलामू और गिरिडीह में सिंचाई परियोजना के लिए नाबार्ड से वित्तीय सहायता
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने पलामू और गिरिडीह जिलों में दो प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं के लिए 769.58 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की है. यह सहायता ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआइडीएफ) के तहत दी जा रही है. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसके जहागीरदार ने बताया कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर पलामू जिले के आठ प्रखंडों में पाइपलाइन के माध्यम से 11,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जाएगा. वहीं, गिरिडीह जिले के पीरटांड प्रखंड के 197 गांवों में से 165 गांवों को मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का लाभ मिलेगा। इससे 10,158 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए सक्षम किया जा सकेगा.
कृषि गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
इन दोनों सिंचाई परियोजनाओं से पलामू और गिरिडीह में कृषि गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. नाबार्ड के सहयोग से इन जिलों की कृषि क्षेत्र में उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान झारखंड को ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि के अंतर्गत नाबार्ड से मिलने वाली वित्तीय सहायता का आंकड़ा अब 1017 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. एसके जहागीरदार ने यह भी बताया कि आरआइडीएफ की स्थापना के बाद से झारखंड को अब तक लगभग 24,300 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है.