पूर्वी भारत में भूकंप की निगरानी अब आईआईटी धनबाद से भी की जाएगी | आपको बता दें कि भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से धनबाद आईआईटी कैंपस सहित पूर्वी भारत में कई स्टेशन स्थापित किये जा रहे हैं ,जो भूकंप से संबधित अध्ययन में कारगर होंगे | हालांकि ,अभी यह ट्रायल बेसिस पर भूकंप निगरानी प्रणाली (अर्ली वार्निंग सिस्टम )शुरू हो रही है | दरअसल ,अभी तक भूकंप की भविष्यवाणी संभव नहीं है ,लेकिन ये प्रणाली इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है |
जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट में इजरायल के तेलअबीव विश्वविद्यालय का सहयोग भी आईआईटी धनबाद को मिल रहा है | वहीं ,आईआईटी धनबाद के अप्लाइड जियो फिजिक्स के डॉ.पी के खान उक्त प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं | साथ ही ,धनबाद आईआईटी कैंपस में स्टेशन इन्सटॉलमेंट का काम लगभग पूरा होने की स्थिति में है | मालूम हो कि आईआईटी पटना ,गुवाहाटी सहित पूर्वी भारत के कुछ और शहरों में भी भूकंप निगरानी स्टेशन लगाए जायेंगे | वहीं ,स्टेशन लगाने के उपकरण की खेप भी धनबाद पहुँच गई है | इस सन्दर्भ में डॉ.पी के खान ने बताया कि अभी उपकरणों का इंस्टॉलेशन किया जा रहा है | इसके साथ ही ,उन्होंने बताया कि स्टेशन शुरू होने में कम से कम दो महीने लगेंगे |
आपको बता दें कि धनबाद स्थित आईआईटी आइएसएम में भूकंप से सम्बंधित जानकारी के लिए पहले से ही ऑब्ज़र्वेटरी सेंटर है | वहीं ,प्रोजेक्ट से जुड़े सूत्रों के हवाले से पता चला है कि नये स्थापित स्टेशन से पूर्वी भारत के कई इलाकों से भूकंप सम्बन्धी ज़्यादा डेटा मिलेगा | जिससे भूकंप को लेकर ज़्यादा अध्ययन हो सकेगा | मालूम हो कि पूर्वी भारत यानि ईस्टर्न इंडियन शील्ड भी भूकंप को लेकर काफी संवेदनशील रहा है | इसीलिए मौजूदा पहल दिशा में कारगर कदम है | दरअसल ,पूर्वी भारत में बहुत कम ऑब्ज़र्वेटरी सेंटर है इसीलिए मौजूदा पहल इस कमी को पूरा करने में सहायक होगा |