रांची। झारखंड के कुख्यात अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को बुधवार की दोपहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रामगढ़ उपकारा से रांची लाया गया। झारखंड एटीएस (Anti Terrorist Squad) की टीम उसे रांची स्थित एटीएस मुख्यालय लेकर पहुंची, जहां अगले छह दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की जाएगी।
अजरबैजान से प्रत्यर्पण के बाद कोर्ट की अनुमति
मयंक सिंह को इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर पिछले साल 29 अक्टूबर 2024 को अजरबैजान से गिरफ्तार किया गया था। 23 अगस्त 2025 को प्रत्यर्पण के तहत उसे रांची लाया गया। इसके बाद रामगढ़ न्यायालय में पेशी हुई, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। एटीएस ने कोर्ट से पूछताछ की मांग की थी, जिस पर छह दिनों की रिमांड की अनुमति मिली।
48 आपराधिक मामले, कई राज्यों में फैला नेटवर्क
एटीएस सूत्रों के मुताबिक मयंक सिंह के खिलाफ सिर्फ झारखंड में ही 48 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें रंगदारी, लेवी वसूली और हथियारबंदी जैसे मामले शामिल हैं। ये केस हजारीबाग, रामगढ़, पलामू, गिरिडीह और रांची समेत कई जिलों में दर्ज हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ (रायपुर) और राजस्थान में भी उसके खिलाफ कई केस हैं।
रिमांड में किन बिंदुओं पर होगी पूछताछ
रांची मुख्यालय में रिमांड के दौरान एटीएस मयंक सिंह से कई अहम मुद्दों पर पूछताछ करेगी—
- उसका आपराधिक इतिहास और सक्रिय नेटवर्क।
- अमन साव गिरोह से उसका संबंध और उसकी भूमिका।
- लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संपर्क कैसे हुआ और कितना गहरा है।
- अजरबैजान तक पहुंचने की कहानी और वहां रहकर अपराध संचालन की प्रक्रिया।
- रंगदारी के रुपयों का प्रवाह: किससे वसूली, कैसे पहुंचता था पैसा और कहां खर्च होता था।
- गिरोह की चल-अचल संपत्ति, फाइनेंशियल नेटवर्क और हथियारों की खरीद।
नाम और पहचान पर भी होगा खुलासा
एटीएस यह भी जानने की कोशिश करेगी कि राजस्थान मूल का यह अपराधी कब और क्यों ‘मयंक सिंह’ नाम से सक्रिय हुआ। वह राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के नई मंडली थाना क्षेत्र के घड़साना का रहने वाला है।
अमन साव गिरोह से अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक
मयंक सिंह, मारे गए झारखंड के कुख्यात अपराधी अमन साव का करीबी माना जाता है। वह विदेश में रहकर खुद को गिरोह का शूटर बताता और इंटरनेट कॉल के जरिए कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों और ठेकेदारों से रंगदारी मांगता था।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
उसकी पेशी और पूछताछ को लेकर एटीएस और स्थानीय पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। कोर्ट और एटीएस मुख्यालय के बाहर अतिरिक्त बल तैनात है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
यह पूछताछ झारखंड पुलिस के लिए अहम साबित हो सकती है क्योंकि इससे न केवल अमन साव गिरोह की गतिविधियों पर गहरी जानकारी मिलेगी, बल्कि लॉरेंस बिश्नोई के अंतरराज्यीय कनेक्शन के भी बड़े राज खुल सकते हैं।