नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने की कोडरमा डीसी रमेश घोलप की प्रशंसा..

कोडरमा जिला के उपायुक्त रमेश घोलप की पहल पर कुछ समय पहले तीन बाल मजदूर और एक बंधुआ मजदूर मुक्त करा कर उनका पुनर्वास कराया गया था| सूचना मिलने पर उपायुक्त ने खुद जाकर बच्चों को विमुक्त कराया था| यहां तक की बाल मजदूरी कराने वाले लोगों के खिलाफ उन्होंने सख्त कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी| वहीं विमुक्त कराये गये बच्चों को उपायुक्त रमेश घोलप ने 1 लाख 9 हजार की सहायता राशि और एरियर के साथ-साथ स्कूल यूनिफॉर्म एवं पाठ्य सामग्री प्रदान करवाई थी|

कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप के इस प्रयास की प्रशंसा बड़े पैमाने पर हो रही है| नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने भी कोडरमा उपायुक्त के इस कार्य की सराहना की है| कैलाश सत्यार्थी ने अपने ट्विटर हैंडल से डीसी कोडरमा के ट्वीट को रिट्विट कर लिखा कि आपके इन कार्यों के लिए साधुवाद| बच्चों के साथ होने वाले हर अन्याय और शोषण के खिलाफ आपके प्रयासों में मेरा और मेरे संगठन का पूरा सहयोग रहेगा|

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी डीसी कोडरमा के उक्त ट्वीट को रिट्विट किया है| इनके अलावा झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल से रिट्विट करते हुए लिखा कि इस पहल के लिए उपायुक्त कोडरमा और जिला प्रशासन को धन्यवाद|