झारखंड विधानसभा में गुरुवार को नियम समिति की रिपोर्ट ध्वनिमत से पारित हुआ। विधायक दीपक बिरुआ ने समिति की रिपोर्ट को सभा पटल पर रखा। रिपोर्ट में झारखंड विधानसभा की कार्यसंचालन नियमावली से धारा 52 को विलोपित करने की अनुशंसा की गई थी। धारा 52 में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल का प्रावधान था। इस रिपोर्ट के पारित होने के बाद अब झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल नहीं होगा। इसके अलावा नियमावली में शून्यकाल की संख्या 15 से बढ़कर 25 लेने का प्रावधान किया गया है।
प्रश्नकाल को लेकर भी नियमावली में संसोधन किया गया है। अब 14 दिन पहले प्रश्न डालने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। मालूम हो कि स्पीकर ने 14 मार्च तक नियम समिति की अनुशंसा पर विधायकों से संसोधन प्रस्ताव मांगा था। कई विधायकों ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल को विलोपित नहीं करने का संशोधन दिया था। विपक्ष के साथ साथ सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल को नहीं हटाने का संशोधन सभा सचिवालय को दिया था। माले विधायक बिनोद सिंह ने यह मामला उठाया कि नियम समिति की रिपोर्ट को सदन से पारित कराने से पहले विधायकों के द्वारा जो संशोधन दिया है उसे भी सभा पटल पर रखना चाहिए था।