गुमला के पालकोट थाना क्षेत्र के तोरपा नदी पुल (निर्झर ढोढा पुल) के पास गुमला-सिमडेगा मुख्य सडक पर नाइट्रिक एसिड लदा टैंकर मंगलवार को अनियंत्रित होकर पलट गया। केमिकल लदा यह टैंकर झारखंड के गढ़वा जिले से ओडिशा के राउरकेला शहर जा रहा था। इसी दौरान तीखा मोड़ होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गया। सड़क, नदी और खेतों में बड़े पैमाने पर नाइट्रिक एसिड फैल गया है। इसके दुष्प्रभाव से खेतों में खड़ी धान की फसल नष्ट हो गई है। वहीं, नदी में मछलियां मर गई हैं।
गुमला सिमडेगा सड़क पर आवागम प्रभावित..
टैंकर पलटने की सूचना के बाद पलकोट थाना प्रभारी अनिल लिडा घटनास्थल पर पहुंचे। तुरंत अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी गई। दमकल गाड़ियों के आने से पहले टैंकर से बड़े पैमाने पर नाइट्रिक एसिड बहकर खेतों व नदी में चला गया। सड़क पर दूर दूर तक इसका तेज गंध लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। पुलिस ने इस सड़क पर आने जाने पर तत्काल रोक लगा दिया है। उधर, आसपास के खेतों में धान की फसल नष्ट होने से किसानों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि धान की बालियां मुरझा गई हैं।
जनप्रतिनिधियों ने घटनास्थल का जायजा लिया..
स्थानीय लोगों ने बताया कि तोरपा नदी में भी बड़े पैमाने पर नाइट्रिक एसिड बह गया है। इससे नदी में मछलियां मर गई हैं। कई ग्रामीण इन मछलियों को पकड़कर घर ले जा रहे थे, लेकिन कुछ जागरूक ग्रामीणों ने समझा कर लोगों को खाने से मना कर दिया। घटना की सूचना के बाद प्रखंड प्रमुख सोनी लकड़ा व बंगरु पंचायत की मुखिया पूनम एक्का पीड़ित किसानों से मिलने पहुंचीं। प्रशासन से इसकी शिकायत कर हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। फसल की स्थिति देखने पहुंचीं सुकरमणी देवी, गीता देवी, अनिल महली, सुशील लकड़ा, बली उरांव ने बताया कि केमिकल का गंध हवा में जितनी दूर फैला है, उस क्षेत्र में धान की फसल को प्रभावित किया है।
रासायनिक कारखानों में होता है इस्तेमाल..
मालूम हो कि नाइट्रिक एसिड का इस्तेमाल कारखानों में किया जाता है। विशेषकर यह रासायनिक कारखानों में काफी मात्रा में इस्तेमाल में लाया जाता है। राउरकेला में बड़े पैमाने पर कल कारखाने हैं, इसलिए वहां यह भेजा जा रहा था। एसिड व आक्सीकारक गुणों के कारण यह कार्बनिक तथा अकार्बनिक अभिक्रियाओं में काम आता है। इसका विशेष उपयोग विस्फोटक पदार्थ, दवा व उर्वरक बनाने लिए भी होता है।