रांची: संथाल परगना की दो विधानसभा सीट, बरहेट व दुमका में जल्द उपचुनाव हो सकते हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के सांसद निशिकांत दुबे का दावा है. उन्होंने इन दोनों सीट पर अक्टूबर-नवंबर में बाईइलेक्शन होने की संभावना भी जताई है. उन्होंने दावा किया है कि भाजपा द्वारा इलेक्शन कमिशन को भेजे गए शिकायत की सुनवाई हो गई है, फैसला जल्द आ सकता है. आपको बता दें कि बरहेट विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन विधायक हैं जबकि दुमका से उनके छोटे भाई बसंत सोरेन. झामुमो उम्मीदवार के रूप में बसंत सोरेन ने वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में 6800 से अधिक वोटों से दुमका सीट जीती थी जबकि 25000 से अधिक वोटों से बरहेट सीट पर हेमंत सोरेन काबिज हुए थे.
क्या है पूरा मामला..
भाजपा ने जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 09ए के तहत हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की मांग इलेक्शन कमीशन से की है. इसे लेकर भाजपा राज्यपाल रमेश से भी मिल चुकी है और शिकायत इलेक्शन कमीशन को फारवार्ड भी कर दी है. यही नहीं मामले को इलेक्शन कमीशन द्वारा हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा जा चुका है और सीएम ने जवाब भी दे दिया है. अब दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 18 अगस्त को इलेक्शन कमीशन कमीशन अपना फैसला सुनाने वाली है.
हेमंत के भाई बसंत सोरेन पर आरोप..
वहीं, हेमंत के भाई बसंत सोरेन पर भी मामले की सुनवाई 22 अगस्त को होगी. उन पर आरोप था कि उनका संबंध एक खनन कंपनी से है जिसे उन्होंने चुनाव आयोग से साझा नहीं किया था. दरअसल, नॉमिनेशन के दौरान इलेक्शन कमिशन से प्रॉपर्टी संबंधित सभी चीजें साझा करनी होती है.
क्या है निशिकांत दुबे का प्लान..
इसी आधार पर सांसद निशिकांत दुबे ने बाईइलेक्शन होने का दावा किया है. यही नहीं उन्होंने इसे लेकर प्लान भी तैयार कर लिया है. उनका कहना है कि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ तक अपनी स्ट्रेटेजी पहुंचा दी है. वे एक कार्यकर्ता के रूप में दोनों सीटों को संचालित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा संथाल परगना 06 जिलों में बटा हुआ है. जिसमें देवघर, जामताड़ा, दुमका तथा साहिबगंज, गोड्डा और पाकुड़ शामिल है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि होने वाले उपचुनाव में किसी बाहरी आदमी के साथ नहीं बल्कि यहीं के कार्यकर्ताओं के साथ जाना चाहेंगे.