राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2024 की घोषणा के साथ, भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता का आकलन किया गया है, जिसमें आईआईटी मद्रास ने एक बार फिर से नंबर 1 का स्थान हासिल किया है. लगातार छठी बार इस संस्थान ने शीर्ष पर अपनी जगह बनाए रखी है. इस उपलब्धि ने न केवल संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता को प्रमाणित किया है, बल्कि इसे भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा का मील का पत्थर भी बना दिया है. इस साल की NIRF रैंकिंग में 4,385 उच्च शिक्षण संस्थानों ने भाग लिया, जिनमें से 50 संस्थानों को शीर्ष 100 में स्थान प्राप्त हुआ. विशेष रूप से, झारखंड के 36 संस्थानों ने टॉप-1000 में अपनी जगह बनाई, जो राज्य के लिए गर्व की बात है. इनमें से दो संस्थानों ने 100वें स्थान से ऊपर की रैंकिंग प्राप्त की, जो यह दिखाता है कि झारखंड का उच्च शिक्षा क्षेत्र तेजी से प्रगति कर रहा है.
आईआईटी मद्रास की सफलता
आईआईटी मद्रास का निरंतर प्रदर्शन उसे शैक्षणिक क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित करता है. इस साल की रैंकिंग में संस्थान ने कुल 435 पेटेंट्स प्राप्त किए, जो इसके शोध कार्यों की उत्कृष्टता को दर्शाता है. इसके साथ ही, आईआईटी मद्रास ने अपनी शिक्षा और अनुसंधान के स्तर को लगातार सुधारते हुए इस प्रतिष्ठित रैंकिंग को हासिल किया है. इस संस्थान का निरंतर शीर्ष स्थान पर बने रहना, अन्य भारतीय इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है.
झारखंड के संस्थानों की परफॉर्मेंस
झारखंड के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में आईआईटी धनबाद ने 15वां स्थान प्राप्त किया, जो कि पिछले साल के मुकाबले एक बेहतर रैंकिंग है. इस संस्थान ने अपने शोध और शिक्षण के स्तर को सुधारने के लिए काफी मेहनत की है, जिसका परिणाम इस साल की रैंकिंग में दिखाई देता है. ओवरऑल रैंकिंग में आईआईटी धनबाद को 35वां स्थान मिला, जो पिछले साल की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार है. बीआईटी मेसरा, जो झारखंड का एक और प्रमुख संस्थान है, को इस बार इंजीनियरिंग श्रेणी में 48वां स्थान मिला है. हालांकि, यह पिछले साल के 44वें स्थान की तुलना में थोड़ी गिरावट है, फिर भी संस्थान ने अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखी है. बीआईटी मेसरा का इंफ्रास्ट्रक्चर और पाठ्यक्रम में सुधार के बावजूद, रैंकिंग में यह गिरावट चिंताजनक है. संस्थान को अब अपनी कमजोरियों को पहचानकर सुधार करने की आवश्यकता है ताकि आने वाले वर्षों में यह अपनी रैंकिंग में सुधार कर सके.
प्रबंधन के क्षेत्र में आईआईएम रांची का उत्कर्ष
प्रबंधन शिक्षा में आईआईएम रांची ने इस बार NIRF रैंकिंग में 17वां स्थान प्राप्त किया है. यह संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली प्रबंधन शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही, एक्सएलआरआई जमशेदपुर ने प्रबंधन श्रेणी में नौवां स्थान हासिल किया है. आईआईएम रांची ने अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता और प्लेसमेंट रिकॉर्ड को लगातार सुधारते हुए इस रैंकिंग को हासिल किया है, जो झारखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
देशभर में आईआईटी और आईआईएम का दबदबा
NIRF 2024 की रैंकिंग में देशभर के आईआईटी और आईआईएम ने अपना दबदबा बनाए रखा है. आईआईटी मद्रास को छठी बार लगातार पहला स्थान मिला है, जबकि आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है. प्रबंधन की श्रेणी में, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बेंगलुरु, और आईआईएम कोलकाता ने शीर्ष तीन स्थानों पर कब्जा जमाया है. यह रैंकिंग इन संस्थानों के शैक्षणिक उत्कृष्टता और उनके उद्योग संबंधों का प्रमाण है.
अन्य प्रमुख संस्थानों की स्थिति
इस बार की रैंकिंग में झारखंड के कुछ अन्य प्रमुख संस्थान टॉप 100 में अपनी जगह बनाने में असफल रहे हैं. आर्किटेक्चर के क्षेत्र में बीआईटी मेसरा को 20वां स्थान मिला है, लेकिन यह रैंकिंग पिछले साल की तुलना में थोड़ी गिरावट का संकेत देती है. इसी तरह, राज्य के कुछ अन्य प्रमुख विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज भी इस बार की रैंकिंग में उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. हालांकि, झारखंड के ये संस्थान अपने शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं.
रैंकिंग के मानदंड और सुधार के प्रयास
NIRF रैंकिंग के मानदंडों में शिक्षण, सीखने की प्रक्रिया, शोध कार्य, स्नातक परिणाम, और सुविधाओं का आकलन किया जाता है. आईआईटी मद्रास और आईआईएम अहमदाबाद ने इन मानदंडों पर उच्च अंक प्राप्त करते हुए अपनी स्थिति मजबूत की है. दूसरी ओर, बीआईटी मेसरा और अन्य झारखंड के संस्थान इन मानदंडों पर कुछ कमजोर साबित हुए हैं, जिससे उनकी रैंकिंग में गिरावट आई है. झारखंड के इन संस्थानों ने अब अपनी कमजोरियों को पहचानकर सुधार करने का निर्णय लिया है. आईआईटी धनबाद और आईआईएम रांची जैसे संस्थान लगातार अपने शोध और शिक्षण गुणवत्ता को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं. बीआईटी मेसरा ने भी अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और पाठ्यक्रम में सुधार की योजना बनाई है, जिससे यह आने वाले वर्षों में अपनी रैंकिंग में सुधार करेगा.
नई पहल और योजनाएं
झारखंड के प्रमुख संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए नई पहल और योजनाएं बना रहे हैं. आईआईटी मद्रास ने अपने छात्रों को बेहतर शिक्षा और शोध के अवसर प्रदान करने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है. इनमें से एक प्रमुख योजना है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझेदारी बढ़ाना और छात्रों को ग्लोबल रिसर्च के अवसर प्रदान करना. इसके साथ ही, आईआईटी मद्रास ने अपने कैंपस को अधिक इको-फ्रेंडली बनाने की दिशा में भी कदम उठाए हैं. झारखंड सरकार और भारत सरकार भी शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार और निवेश कर रही हैं. सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आने वाले वर्षों में और अधिक संसाधन और सुविधाएं संस्थानों को प्रदान की जाएंगी. इसके साथ ही, नए शोध और विकास केंद्रों की स्थापना की योजना है ताकि देश में उच्च शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाया जा सके.