नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने झारखंड में बालू खनन और उसके उठाव पर रोक लगा दी। यह रोक एनजीटी ने 10 जून को लगाई और 15 जून तक राज्य के किसी भी नदी से बालू का खनन नहीं हो सकेगा। इस दौरान झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट ने दावा किया है कि रोक के वक़्त किसी भी तरह से बालू की क़िल्लत नहीं होने दी जाएगी। तक़रीबन एक करोड़ सीएफ़टी बालू स्टॉक कर के रखा गया है। ऑनलाइन बालू की बिक्री 7.87 प्रति सीएफ़टी के दर से की जाएगी।
जेएसएमडीसी के एमडी अमित कुमार ने जानकारी दी है की निगम के पास वर्तमान में क़रीब 50 लाख सीएफ़टी बालू मौजूद है। इसी मात्रा में बालू स्टॉकिस्ट के पास भी है। सरकार की नज़र रहेगी कि बालू कि क़िल्लत ना हो। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष कि तुलना में इस वर्ष बालू का स्टॉक दोगुना से भी ज़्यादा है। पिछले साल महज़ 20 लाख सीएफ़टी बालू का ही स्टॉक रखा था। आम जानता जेएसएमडीसी के पोर्टल se बुकिंग कर के बालू ले सकती है। इतना ही नहीं सभी ज़िलों में बालू को स्टॉक कर के रहने का लाइसेंस दिया गया है। स्टॉकिस्ट को वैध बालू घाटों से बालू मंगाकर रखने के निर्देश दिये गये थे।
हालाँकि एनजीटी के इस आदेश के बाद झारखंड में बालू की क़िल्लत बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो आपको घर बनाना महँगा पड़ सकता है। ऐसे क़यास पिछले साल के बालू क़िल्लत को देखते हुए लगाए जा रहे हैं। ऑनलाइन सुविधा होने के बावजूद पिछले साल लोगों को बालू मिलने में दिक़्क़त आ रही थी। वहीं दूसरी तरफ़ बालू दलालों ने इस मौक़े का खूब फ़ायदा उठाया था।