एयरपोर्ट रोड पर अपराधियों ने अंधेरे का फायदा उठाकर दो अलग-अलग वारदातों को अंजाम दिया. सेवानिवृत्त दारोगा और झारखंड हाईकोर्ट के वकील को निशाना बनाते हुए न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि उनके बैंक खातों से लाखों रुपए भी निकाल लिए. इन दोनों घटनाओं से इलाके में दहशत का माहौल बन गया है.
सेवानिवृत्त दारोगा से मारपीट और ठगी
तेरी (नामकुम) निवासी 64 वर्षीय सेवानिवृत्त दारोगा लहरू महतो ने बताया कि 16 दिसंबर को वे किसी काम से पुलिस मुख्यालय गए थे. शाम करीब 5 बजे जब वे एयरपोर्ट ग्राउंड के पास पहुंचे, तो पांच युवकों ने उन्हें पकड़ लिया. उन्हें जबरन बाइक पर बिठाकर पोखर टोली के झाड़ियों में ले जाया गया, जहां उनके साथ मारपीट की गई. युवकों ने उन्हें अचेत कर दिया और जबरन शराब पिलाई. इसके बाद उनका डेबिट कार्ड छीन लिया और पासवर्ड भी ले लिया. अपराधियों ने सफेद रंग की होंडा सिटी कार मंगाई और लहरू महतो को उसमें बिठाकर रांची के कई इलाकों में घुमाया. इसके बाद वे उन्हें पलामू ले गए, जहां एक होटल में रातभर बंधक बनाकर रखा. इस दौरान उनका मोबाइल और पर्स भी छीन लिया गया. अगले दिन, 17 दिसंबर की शाम को उन्हें होटल से बाहर निकाला गया और रांची लाया गया. 18 दिसंबर को बैंक जाकर पता चला कि उनके खाते से 1,75,937 रुपए निकाले जा चुके हैं.
अधिवक्ता को जमीन दिखाने के बहाने बनाया निशाना
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता सतेंद्र पंडित ने बताया कि 20 दिसंबर की रात वे हिनू चौक के पास खड़े थे, तभी एक व्यक्ति उनके पास आया. उसने कहा कि एयरपोर्ट रोड के पास एक जमीन बिक्री के लिए उपलब्ध है, जिसे देखने के लिए वे उसके साथ चलें. कुछ दूरी पर जाने के बाद, एक अर्धनिर्मित मॉल के पास पहले से खड़े चार लोगों ने उन्हें घेर लिया. अधिवक्ता को पकड़कर एक सुनसान जगह पर ले जाया गया. वहां उनका पर्स, जिसमें 5500 रुपए थे, और मोबाइल छीन लिया गया. इसके बाद उनके साथ मारपीट की गई, जिससे उनके मुंह से खून निकलने लगा. अपराधियों ने मोबाइल का पासवर्ड लेकर उनके खाते की जांच की और 22 हजार रुपए यूपीआई के जरिए संजय पासवान नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर करवाए. इसके बाद 1.70 लाख रुपए भी जबरन ट्रांसफर करवा लिए. रात 10.20 बजे अपराधियों ने अधिवक्ता को छोड़ा.
बाहर का गिरोह होने का अनुमान
रांची पुलिस ने दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इन वारदातों को अंजाम देने वाला गिरोह रांची का नहीं, बल्कि बाहर का हो सकता है. एयरपोर्ट रोड जैसे इलाके में इतनी सटीक योजना और वारदात को देखकर यह संदेह गहरा रहा है. पुलिस ने घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली है और अपराधियों की पहचान के प्रयास जारी हैं. एयरपोर्ट थाना के दारोगा विश्वनाथ किस्कू सेवानिवृत्त दारोगा लहरू महतो के मामले की जांच कर रहे हैं, जबकि थानेदार कश्यप गौतम को अधिवक्ता सतेंद्र पंडित के मामले की जिम्मेदारी दी गई है.
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घटनास्थल पर मिले सुरागों और दोनों पीड़ितों के बयानों के आधार पर जांच तेज कर दी है. रांची पुलिस का मानना है कि जिस तरह से अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया, उसमें एक सुनियोजित योजना और बाहरी संपर्कों का इस्तेमाल किया गया है. अपराधियों ने दोनों वारदातों में पीड़ितों को न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि उनके साथ मारपीट कर मानसिक आघात भी दिया. पुलिस को आशंका है कि गिरोह ने पहले से इन इलाकों की रेकी की होगी और अंधेरे का फायदा उठाते हुए वारदात को अंजाम दिया.
दहशत में स्थानीय लोग
दोनों वारदातों के बाद एयरपोर्ट रोड के आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने और पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए. पुलिस का दावा है कि जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान का काम तेजी से चल रहा है.