झारखंड की मंईयां सम्मान योजना को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. हेमंत सोरेन सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ जरूरतमंद और पात्र महिलाओं को देने के लिए बनाया गया था, लेकिन अब सामने आ रहा है कि कई अपात्र लोग भी इस योजना का फायदा उठा रहे हैं. योजना के तहत पात्रता जांचने के लिए इन दिनों जिले स्तर पर बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान कई गड़बड़ियां सामने आई हैं, जहां सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों की पत्नियों से लेकर मानदेय और संविदा पर काम करने वाली महिलाओं तक ने योजना की राशि प्राप्त कर ली है. राज्यभर में कर्मचारियों की टीम घर-घर जाकर लाभुकों का सत्यापन कर रही है. इस दौरान रांची समेत कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कई अपात्र महिलाओं ने योजना का लाभ ले लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 56 लाख से अधिक महिलाओं को दिसंबर तक मंईयां सम्मान योजना की राशि दी जा चुकी है. मगर जब इनकी जांच हुई, तो मालूम पड़ा कि इनमें से कई महिलाएं इस योजना के लिए तय मानकों को पूरा नहीं करती थीं.
किन्हें नहीं मिलना चाहिए मंईयां सम्मान योजना का लाभ?
सरकार द्वारा तय किए गए नियम के मुताबिक, मंईयां सम्मान योजना का लाभ वही महिलाएं ले सकती हैं, जिनका या उनके पति का सरकारी नौकरी से कोई लेना-देना न हो. इसके अलावा अगर महिला या उसके पति राज्य सरकार या केंद्र सरकार के किसी विभाग, सार्वजनिक उपक्रम, विधिक निकाय, शहरी निकाय, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान में नियमित, स्थायी, संविदा या मानदेय के रूप में काम कर रहे हैं, तो वे इस योजना के लिए अपात्र मानी जाती हैं. यही नहीं, जिन लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन या पारिवारिक पेंशन मिल रही है, वे भी योजना के दायरे में नहीं आते. साथ ही, ईपीएफ (EPF) खाताधारी महिलाएं भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती हैं. बावजूद इसके कई अपात्र महिलाएं मंईयां सम्मान योजना का पैसा लेती पाई गई हैं.
सबसे ज्यादा गड़बड़ियां मानदेय और संविदा कर्मियों के मामलों में
सत्यापन के दौरान सबसे अधिक मामले मानदेय और संविदा पर काम करने वाले कर्मियों से जुड़े हैं. रांची जिले में तो आंगनबाड़ी सेविका, पोषण सखी, जल सहिया और होमगार्ड जैसी सरकारी सेवाओं से जुड़ी महिलाओं ने भी इस योजना का लाभ ले लिया है. वहीं, कई महिला लाभुकों के पति सरकारी नौकरी करते हैं या फिर इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं, इसके बावजूद उन्होंने योजना के तहत राशि प्राप्त की.