राज्य सरकार ने अपने हालिया बजट में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर छह नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है. इनमें एक मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर में भी प्रस्तावित है. इसके लिए परसुडीह स्थित सदर अस्पताल के पीछे 25 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है. लंबे समय से सदर अस्पताल में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई जा रही थी, और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले ही निरीक्षण कर चुकी है.
पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज संचालन की योजना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अक्टूबर 2024 में जमशेदपुर में नया मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही थी. अब यह योजना बजट में भी शामिल कर दी गई है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पीपीपी मोड पर यह कॉलेज कैसे संचालित होगा? गौरतलब है कि रांची के सदर अस्पताल को भी पहले पीपीपी मोड पर संचालित करने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए तीन बार टेंडर जारी किए गए, लेकिन किसी भी कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई. अंततः सरकार को इसे खुद संचालित करने का निर्णय लेना पड़ा. हालांकि, इस बार सरकार को उम्मीद है कि जमशेदपुर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए कोई बड़ी कंपनी आगे आएगी और इसे संचालित करेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निर्माण कर किसी बड़ी कंपनी को संचालन की जिम्मेदारी सौंपती है, तो इसका लाभ न केवल मरीजों को मिलेगा, बल्कि एमबीबीएस छात्रों को भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त होगा.
मरीजों को होगा लाभ
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. जुझार माझी ने कहा कि पीपीपी मोड पर संचालन का निर्णय काफी सराहनीय है. इससे अस्पताल का प्रबंधन अधिक व्यवस्थित होगा और मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मैनपावर और संसाधनों की कमी एक बड़ी समस्या रही है. अगर कोई बड़ी कंपनी कॉलेज और अस्पताल का संचालन करती है, तो ये समस्याएं काफी हद तक दूर हो जाएंगी. संबंधित कंपनी आधुनिक संसाधनों के साथ बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा सकेगी.
टीएमएच में स्पाइन क्लिनिक और स्ट्रोक यूनिट शुरू
टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) ने शहरवासियों के लिए दो नई स्वास्थ्य सुविधाएं – स्पाइन क्लिनिक और स्ट्रोक यूनिट शुरू की हैं. मंगलवार को इन सुविधाओं का उद्घाटन टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कॉर्पोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी और टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने संयुक्त रूप से किया. टीएमएच में उद्घाटन के मौके पर डॉक्टरों की टीम ने टाटा वर्कर्स यूनियन के नेतृत्व को बताया कि ये यूनिट कैसे काम करेंगी. पहले मस्तिष्क और नस से जुड़ी बीमारियों के लिए मरीजों को अलग-अलग वार्ड में जाना पड़ता था. अब नए स्पाइन क्लिनिक में न्यूरो, सर्जन और ऑर्थोपेडिक डॉक्टरों की एक टीम एक ही जगह पर उपलब्ध रहेगी. इसके लिए टीएमएच की ओपीडी में एक अलग यूनिट बनाई गई है. हर शुक्रवार को दो घंटे के लिए डॉक्टरों की टीम मरीजों को देखेगी, जिससे उन्हें अलग-अलग विभागों में जाने की जरूरत नहीं होगी.
स्ट्रोक यूनिट से लोगों को मिलेगा जीवनरक्षक उपचार
टीएमएच में शुरू हुई स्ट्रोक यूनिट भी शहर के लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा है. संजीव चौधरी ने कहा कि स्ट्रोक की वजह से पहले कई लोगों की जान चली जाती थी, लेकिन अब इस यूनिट के माध्यम से मरीजों को तुरंत इलाज मिल सकेगा. यह सुविधा शहरवासियों के लिए वरदान साबित होगी.
टाटा स्टील चेयरमैन का सुरक्षा पर जोर
उद्घाटन के दौरान चाणक्य चौधरी ने अस्पताल के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि टाटा स्टील के चेयरमैन संस्थापक दिवस पर शहर आए थे और उन्होंने सुरक्षा को लेकर अपनी गंभीरता जताई. उन्होंने कहा कि अस्पताल में अनसेफ कार्यप्रणाली पर रोक लगानी होगी और उत्पादकता को बढ़ाना होगा. इस अवसर पर मेडिकल इंडोर सर्विसेज चीफ अशोक सुंदर, यूनियन के पदाधिकारी, डॉक्टर और अस्पताल के अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे.
स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
टीएमएच में नई सुविधाओं की शुरुआत से शहरवासियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी. सरकार द्वारा पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना और टीएमएच की नई सेवाएं, दोनों ही स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार ला सकती हैं. हालांकि, पीपीपी मोड की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कितनी बड़ी और सक्षम कंपनियां इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए आगे आती हैं.