झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि के तौर पर रांची के कांके स्थित सुकुरहुटू में नया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनने जा रहा है. यह मेडिकल कॉलेज राज्य के प्रतिष्ठित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के अत्यधिक दबाव को कम करने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश दिया.
700 बेड और सुपर स्पेशियलिटी विंग का वादा
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि यह अस्पताल 700 बेड का होगा, जिसमें 250 बेड का सुपर स्पेशियलिटी विंग अलग से होगा. इसमें नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नियोनेटोलॉजी, हेमेटोलॉजी, एंडोक्राइनोलॉजी और न्यूक्लियर मेडिसिन जैसे विशेष विभाग शामिल होंगे. इसके साथ ही, अस्पताल को राज्य के सबसे आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जाएगा.
मेडिकल सीटें बढ़ेंगी
डॉ. अंसारी ने कहा कि नए मेडिकल कॉलेज से झारखंड में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ेगी. वर्तमान में राज्य में केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. नए कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों और पीजी की 50 सीटों को शुरू करने की योजना है. इससे राज्य के विद्यार्थियों को डॉक्टर बनने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा और स्थानीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.
2 साल में पूरा होगा निर्माण
डॉ. अंसारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए 1074 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. निर्माण कार्य अगले 2 सालों में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि रिम्स-2 का सपना समय पर साकार हो सके.
चिकित्सकों की कमी होगी दूर
झारखंड में चिकित्सकों की कमी एक बड़ा मुद्दा है. वर्तमान में राज्य में करीब 5000 डॉक्टर हैं, जबकि यहां की जनसंख्या लगभग 4 करोड़ है. नए मेडिकल कॉलेज से सैकड़ों नए चिकित्सकों के पद सृजित होंगे, जिससे राज्य में डॉक्टरों की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा.
रिम्स पर कम होगा दबाव
रिम्स वर्तमान में झारखंड का सबसे बड़ा और प्रमुख चिकित्सा संस्थान है, लेकिन यहां मरीजों का अत्यधिक दबाव रहता है. नया मेडिकल कॉलेज बनने से रिम्स पर निर्भरता कम होगी. इसके अलावा, झारखंड के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं और विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकेंगी.
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
डॉ. अंसारी ने कहा, “राज्य में चिकित्सकों की कमी और बढ़ती आबादी के कारण चिकित्सा सुविधाओं को सुधारना हमारी प्राथमिकता है. नया मेडिकल कॉलेज इस दिशा में एक बड़ा कदम है. यहां वे सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो रिम्स में भी अब तक नहीं हैं.
सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं का फोकस
नए मेडिकल कॉलेज का सबसे बड़ा आकर्षण इसका सुपर स्पेशियलिटी विंग होगा. इसमें नेफ्रोलॉजी (किडनी रोग), कार्डियोलॉजी (हृदय रोग), नियोनेटोलॉजी (नवजात शिशु चिकित्सा), हेमेटोलॉजी (रक्त रोग), एंडोक्राइनोलॉजी (हार्मोन संबंधी रोग), और न्यूक्लियर मेडिसिन जैसी सेवाएं दी जाएंगी. इससे झारखंड के मरीजों को राज्य के भीतर ही उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी.
स्थानीय युवाओं को मिलेगा लाभ
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. स्थानीय युवाओं को डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के रूप में रोजगार मिलेगा. इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.