रांची ब्यूरो | राज्य में शराब की खुदरा बिक्री व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने आगामी 1 सितंबर 2025 से लागू होने वाली नई उत्पाद नीति को लेकर सभी उपायुक्तों को पत्र भेजा है। पत्र में जिलावार संशोधित राजस्व लक्ष्य तय करते हुए प्रत्येक शराब दुकान के लिए अलग-अलग मासिक लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं।
2402 करोड़ का नया लक्ष्य तय
विभाग ने 1 सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक यानी सात महीनों के लिए कुल 2402 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य तय किया है। इसके तहत प्रत्येक जिला उपायुक्त को उनके क्षेत्र के अनुसार लक्ष्य दिए गए हैं।
इससे पहले चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों (1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025) के लिए पुरानी नीति के तहत 1183 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था। इस तरह वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल राजस्व लक्ष्य बढ़कर 3585 करोड़ रुपये हो गया है।
खुदरा दुकानों के लिए मासिक टारगेट अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत हर खुदरा शराब दुकान संचालक को मासिक राजस्व लक्ष्य दिया जाएगा। उन्हें हर महीने की 25 तारीख तक तय राशि विभाग में जमा करनी होगी।
विभाग का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और भविष्य में नीति पर सवाल खड़े होने की संभावना को खत्म करने के लिए उठाया गया है।
क्यों बदली जा रही है नीति?
राज्य सरकार ने पहले शराब की खुदरा बिक्री का जिम्मा झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पास रखा था। लेकिन नई नीति के तहत अब निजी हाथों को खुदरा बिक्री की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसका मकसद राजस्व संग्रह बढ़ाना और बेहतर वितरण व्यवस्था लागू करना है।