शहर की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए रांची पुलिस प्रशासन ने कई अहम कदम उठाए हैं. हाल ही में हुए डीजे की हत्या जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आइजी अखिलेश झा ने रांची में पुलिस बल की कार्यप्रणाली को और भी अधिक सक्रिय और सख्त बनाने का आदेश दिया है. इसके तहत शहर में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रात में 11 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कंट्रोल रूम में डीएसपी की तैनाती अनिवार्य की गई है. यह निर्णय हालिया सुरक्षा घटनाओं के मद्देनजर लिया गया, जिससे पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंच सके और प्रभावी कार्रवाई कर सके.
डीएसपी की तैनाती और सुरक्षा व्यवस्था
रांची में रात के समय कंट्रोल रूम में एक डीएसपी तैनात रहेगा, जो रातभर पुलिस कंट्रोल रूम और गश्ती वाहनों की निगरानी करेगा. अगर किसी भी प्रकार की घटना होती है, तो सबसे पहले यही डीएसपी घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेगा. इसके बाद संबंधित थाना और डीएसपी को सूचित किया जाएगा. जब तक इलाके का डीएसपी घटनास्थल पर नहीं पहुंचता, तब तक कंट्रोल रूम का डीएसपी वहीं रहेगा. इसके अलावा, आइजी द्वारा औचक निरीक्षण भी किया जा सकता है. अगर कंट्रोल रूम में डीएसपी नहीं मिलता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए ट्रैफिक आउट पोस्ट
रांची शहर में यातायात की समस्या को हल करने के लिए चार प्रमुख इलाकों में ट्रैफिक आउट पोस्ट (टीओपी) स्थापित किए गए हैं. ये इलाके बूटी मोड़, कटहल मोड़, कडरू और नामकुम हैं. इन इलाकों में रोजाना जाम की समस्या बनी रहती थी और इसकी सूचना समय पर यातायात पुलिस को नहीं मिल पाती थी. अब इन इलाकों में ट्रैफिक आउट पोस्ट बनाए गए हैं, जिससे यातायात नियंत्रण में आसानी हो. इन आउट पोस्ट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, और इन्हें सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द जाम की समस्या को दूर करें. इसके साथ ही 15 दिन के बाद चेन स्नैचिंग जैसी घटनाओं का भी रिव्यू किया जाएगा. इन मामलों में अनुसंधानकर्ताओं से रिपोर्ट ली जाएगी और जो पुलिसकर्मी काम नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हॉट स्पॉट्स में गहन निगरानी
शहर में कुछ इलाके ऐसे हैं, जिन्हें हॉट स्पॉट्स के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां पर विशेष निगरानी की जरूरत है. इन इलाकों में चोरी, लूट, हत्या जैसी घटनाएं होती रहती हैं.
इन्हें निम्नलिखित थाना क्षेत्रों के रूप में विभाजित किया गया है:
• अरगोड़ा थाना: वास्तु विहार, अशोक नगर निगम पार्क, हरमू कॉलोनी, बसंत बिहार, हरमू चौक.
• बरियातू थाना: पुष्प बिहार, तेतर टोली मैदान, भरम टोली, डॉक्टर कॉलोनी, हरिहर सिंह रोड.
• चुटिया थाना: सुजाता चौक, अनंतपुर, बस स्टैंड, क्लब रोड, रेलवे कॉलोनी, बहू बाजार.
• डोरंडा थाना: कडरू, परस टोली, कुम्हार टोली, मेकान, डिबडीह पुल, एयरपोर्ट रोड.
• गोंदा थाना: चांदनी चौक, रांची कॉलेज के समीप, मिसिर गोंदा, कांके रोड.
• जगन्नाथपुर थाना: सिंह मोड़, लटमा रोड, बिरसा चौक, हवाई नगर, हटिया स्टेशन रोड.
• कोतवाली थाना: रंधीर वर्मा चौक, जाकिर हुसैन पार्क, सेवा सदन, किशोरगंज, पुरानी रांची.
• लालपुर थाना: रांची कॉलेज के समीप, डिप्टीपाड़ा, प्लाजा चौक, लोहरा कोचा, वर्द्धमान कंपाउंड.
• लोअर बाजार थाना: ईस्ट जेल रोड, कांटाटोली, कुरैशी मोहल्ला, इस्लाम नगर.
• सदर थाना: चेशायर होम रोड, लालू खाल, बूटी मोड़, बांधगाड़ी.
• सुखदेवनगर थाना: बिड़ला मैदान, राम बिलास पेट्रोल पंप, दुर्गा मंदिर, अलकापुरी.
इन हॉट स्पॉट्स में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी और कुछ स्थानों पर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की जाएगी ताकि आपराधिक घटनाओं पर नजर रखी जा सके.
अनुसंधानकर्ताओं की भूमिका और आपसी समन्वय
आइजी ने यह भी निर्देश दिया है कि केस अनुसंधान में पुलिसकर्मियों को आपसी समन्वय बनाकर काम करना होगा. अक्सर देखा गया है कि एक थाना के पुलिसकर्मी दूसरे थाने के पुलिसकर्मियों से बातचीत नहीं करते हैं, जिससे केस की प्रगति में रुकावट आती है. अब किसी घटना के होने पर थाने के अनुसंधानकर्ता आपस में चर्चा करके टीम की तरह काम करेंगे. इस प्रक्रिया की निगरानी एसएसपी और सिटी एसपी करेंगे.