हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड की 9 लाख छात्राओं को ‘सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना’ के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा है. इस योजना के तहत छात्राओं को पांच किस्तों में कुल 40,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे उनकी शिक्षा में मदद मिलेगी.
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की ड्रॉपआउट दर को कम करना और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करना है. कई बार आर्थिक समस्याओं के कारण छात्राएं अपनी पढ़ाई छोड़ देती हैं. इस योजना के तहत, छात्राओं को कक्षा 8 से 12 तक की पढ़ाई के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
सहायता राशि
प्रत्येक छात्रा को निम्नानुसार सहायता राशि दी जाती है:
- कक्षा 8 और 9: 2,500 रुपये प्रति वर्ष
- कक्षा 10 और 11: 5,000 रुपये प्रति वर्ष
- कक्षा 12: 20,000 रुपये एकमुश्त
जब छात्रा 18 वर्ष की हो जाती है और मतदाता पहचान पत्र प्राप्त कर लेती है, तो उसे एकमुश्त 20,000 रुपये की राशि दी जाती है. यह राशि छात्रा की आगे की पढ़ाई या प्रशिक्षण में सहायक होती है.
योजना का प्रभाव
इस योजना से छात्राओं की पढ़ाई में मदद मिलती है और वे अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं. दूरदराज के गांवों की किशोरियां भी इस योजना का लाभ उठाकर विद्यालय नियमित रूप से आ रही हैं और ड्रॉपआउट की समस्या में कमी आई है. योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 7,28,332 आवेदन, वर्ष 2023-24 में 7,15,061 आवेदन, और वर्ष 2023-24 में 2,07,296 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं.
योजना की महत्ता
हेमंत सोरेन सरकार ने महिला प्रोत्साहन और उनकी शिक्षा में सुधार के प्रयास के रूप में इस योजना का क्रियान्वयन किया है. इससे न केवल छात्राओं को आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उनकी शिक्षा में भी सुधार होता है. योजना के सफल कार्यान्वयन से सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक छात्राओं को इससे लाभान्वित किया जा सके और उनकी शिक्षा को एक नई दिशा दी जा सके.
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि इस योजना का उद्देश्य बेहतरीन है, पर, इसके राह में कई चुनौतियाँ भी हैं. सबसे बड़ी चुनौती है कि सभी योग्य छात्राओं को सही समय पर सहायता राशि मिल सके. इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कदम उठाए हैं. साथ ही, लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाई गई है.
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस योजना का प्रभाव न केवल शैक्षणिक स्तर पर है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी है. छात्राओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है, जिससे वे अपने परिवार की मदद कर सकती हैं. इसके अलावा, शिक्षा में सुधार होने से राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है. यह योजना न केवल छात्राओं के भविष्य को सुरक्षित बनाती है, बल्कि उनके परिवार और समाज को भी मजबूती प्रदान करती है.
योजना के भविष्य के लक्ष्य
हेमंत सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में इस योजना के दायरे को और बढ़ाया जाए. अधिक से अधिक छात्राओं को इस योजना से जोड़ा जाए और उनकी शिक्षा को सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए सरकार विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम और शिविर आयोजित कर रही है, ताकि योजना का लाभ सभी पात्र छात्राओं तक पहुँच सके.