स्वास्थ्य विभाग ने सभी हेल्थकेयरवर्कर्स को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है| कोविडव गैर कोविड अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एहतियाती कदमों, उनके आइसोलेशन और क्वारेंटाइन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी ने आदेश जारी कर सभी कोविड अस्पतालों में एक संक्रमण नियंत्रण पदाधिकारी (नोडल ऑफिसर) प्रतिनियुक्त करने की बात कही है| नोडल ऑफिसरडॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण की व्यवस्था करेंगे।
नोडल ऑफिसर को स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने से जुड़ी सभी चीजों/बातों का ख्याल रखना होगा। उन्हें सुनिश्चित करना है कि अस्पतालों में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तय दिशा-निर्देश के आधार पर अपने ज़ोन के खतरे के अनुरूप पीपीई का उपयोग करें। प्रतिदिनसभी हेल्थकेयर वर्कर्स की थर्मल स्क्रीनिंग भी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों कोअल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर, मास्क, ग्लव्स और अन्य सामान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही जो स्वास्थ्य कर्मी पीपीई किट और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, उसकीसूचना तुरंत सूचित दी जाए।
गौरतलब है कि राज्य में बड़ी संख्या में डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। रांची रिम्स में अबतक 46 डॉक्टर और कर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसी को देखते हुए उक्त गाइडलाइन जारी की गई है|
नोडल पदाधिकारियों को एक उपसमिति बनाने को भी कहा गया है। ये उपसमिति इस बात पर नज़र रखेगी कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में कार्य करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी एक सप्ताह के लिए क्वारेंटाइन होंगे। उसके बाद उपसमिति की अनुशंसा के आधार पर ही क्वारेंटाइन की अवधि बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा। एक सप्ताह के बाद आईसीएमआर के टेस्टिंग प्रोटोकॉल के अनुसार सभी कर्मियों की जांच की जाएगी। जांच में अगर कोई कर्मी संक्रमित पाया जाताहै तो उसे कोविड-19 अस्पताल में रखा जाएगा| संक्रमित नहीं पाए जाने की स्थिति में कर्मी पुनः कार्य पर लौट सकते हैं। कम जोखिम क्षेत्र वाले क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग, पैरामेडिकल कर्मी तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी नियमित रूप से कार्य करते रहेंगे।
वहीं स्वास्थ्य सचिव द्वारा जारी गाइडलाइन में हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए भी कई निर्देश दिए गए हैं| स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी मेडिकल कंडीशन की जानकारी अस्पताल के अधिकारियों देनी है। इसके अलावा सभी कर्मियों को लगातार अपने हाथों को सैनिटाइज करना है, कार्य अवधि के दौरान हर समय पीपीई किट का पहनना अनिवार्य किया गया है। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला स्वास्थ्य कर्मी और गंभीर बीमारियों से ग्रसित स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी चिकित्सा स्थिति की जानकारी अस्पताल के अधिकारियों को देंगे।