झारखंड के जाने-माने नेतरहाट विद्यालय में शिक्षकों की कमी देखी जा रही है| विद्यालय में शिक्षकों के लिए 47 पद की स्वीकृत होने के बावजूद, वर्तमान में यहां 17 पद रिक्त हैं| बाकी बचे शिक्षकों में से भी तीन शिक्षक जल्द ही सेवानिवृत्त हो जायेंगे| हालत ये है कि यहां कई विषयों के लिए मात्र एक शिक्षक हैं| ऐसे में विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है|
विद्यालय में शिक्षकों के साथ-साथ तृतीय वर्ग के कर्मियों के पद भी रिक्त पड़े हैं| यहां तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के 46 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 28 कार्यरत हैं|
शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर प्राचार्य द्वारा रोस्टर तैयार कर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है| लेकिन विभाग की ओर से सहमति नहीं मिली है जिसकी वजह से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है| गौरतलब है कि नेतरहाट विद्यालय में कक्षा-6 से 12वीं तक की पढ़ाई होती है, जिसमें 500 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं|
इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए स्कूल में कई विषयों में मात्र एक शिक्षक हैं| संस्कृत, इतिहास, अर्थशास्त्र व राजनीति शास्त्र विषय में एक-एक शिक्षक हैं| वहीं, भूगोल व अंग्रेजी में दो-दो शिक्षक हैं| इसके अलावा भौतिकी, रसायन व जीव विज्ञान में प्रायोगिक कक्षा संचालन के लिए एक भी प्रयोगशाला सहायक नहीं हैं|
शिक्षकों की कमी होने के साथ-साथ नेतरहाट विद्यालय कार्यकारिणी समिति व सामान्य निकाय के सदस्यों का मनोनयन भी नहीं किया गया है| इस वर्ष जून में मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया था| इसके बाद सदस्यों के मनोनयन से संबंधित प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है, लेकिन अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है| विद्यालय की कार्यकारिणी समिति और सामान्य निकाय के गठन की प्रक्रिया में देरी होने के कारण विद्यालय के कार्यों को लेकर नीतिगत निर्णय लेने में परेशानी हो रही है|