नीट यूजी 2024 में रांची के मानव प्रियदर्शी ने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया. मानव ने 720 में 720 अंक प्राप्त कर एग्जाम में टॉप किया है. अव्वल नंबर लाकर मानव पूरे देश में चर्चा में है और घरवालों सहित अन्य सभी को उस पर गर्व है.
यूजी नीट 2024 के लिए कुल 24,06,079 छात्र और छात्राओं का रजिस्ट्रेशन हुआ था. 5 मई को पूरे देश में नीट यूजी प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी. जहां मंगलवार दिनांक 4 जून को परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया. पहली बार एक साथ दो विद्यार्थियों मानव प्रियदर्शी और कहकशां परवीन नीट यूजी में 720 में 720 अंक के साथ ऑल इंडिया रैंक-01 हासिल किया है. दरअसल, मानव प्रियदर्शी इंद्रपुरी रांची के रहनेवाले हैं और जेवीएम श्यामली स्कूल के छात्र हैं. मानव राज्य के पहले छात्र हैं, जिन्होंने ऑल इंडिया रैंक-01 हासिल किया है. मानव को तीनों विषयों फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में 100 में 100 परसेंटाइल अंक प्राप्त हुए हैं. वहीं रांची की हलीमा महजबीन को 701 अंक प्राप्त हुए हैं. जेवीएम श्यामली स्कूल के प्रधानाचार्य समरजीत जेना ने मानव को ढेरों बधाई देते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे स्कूल का एक विद्यार्थी ने अपनी होनहरी और कड़ी मेहनत से पूरे देशभर में अव्वल रहा. साथ ही अब तक की जानकारी के मुताबिक, रांची की हलीमा महजबीन को 701 अंक के साथ जेनरल रैंक-1545 और ओबीसी श्रेणी में 514 रैंक हासिल हुआ है. जहां, छात्र आयुष कुमार पांडेय ने 695 हासिल कर एआइआर 1465 प्राप्त किया. फैजान अख्तर ने 692 अंक बनाए और ओबीसी कैटेगरी के अन्दर एआइआर 1436 हासिल किया. वहीं किरण कुमारी ने 692 अंक प्राप्त कर ओबीसी श्रेणी में एआइआर 1431 हासिल किया है. बता दें कि नीट यूजी 2024 के लिए देशभर से 24,06,079 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था. इनमें से 23,33,297 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. वहीं मीडिया के पूछने पर मानव प्रियदर्शी ने कहा कि उन्होंने सफलता का लक्ष्य 11वीं में तय कर लिया था और इसके लिए सबसे पहले उन्होंने 11वीं कक्षा के बाद से ही मोबाइल से दूरी बना ली थी. आगे बताते हुए मानव ने कहा कि मैं नियमित रूप से स्कूल और कोचिंग में क्लास करता रहा. पढ़ाई के दौरान केवल एनसीइआरटी के सिलेबस पर ध्यान दिया करता था इससे बोर्ड परीक्षा के साथ प्रतियोगिता परीक्षा के लिए भी तैयारी पूरी होती गयी. प्रवेश परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए प्रैक्टिस पेपर को नियमित रूप से सॉल्व करता था. जिन टॉपिक्स में कमजोर था, उनमें शिक्षकों से मदद ली. एक्स्ट्रा क्लासेज भी किये. इसके बाद कम समय में ज्यादा प्रश्नों को हल करने की क्षमता को बढ़ाने पर लगातार काम किया करता था. मेरे परिवार में पहले से तीन डॉक्टर और हैं, बड़ी बहन- डॉ निमिशा प्रिया भागलपुर मेडिकल कॉलेज में, जीजा डॉ प्रिंस चंद्रशेखर सहरसा में मेडिकल ऑफिसर हैं और मामा डॉ राजीव रंजन सदर हॉस्पिटल रांची में हैं. अपनी तैयारी के दौरान इन तीनों से भी मैं मदद लिया करता था जिससे मुझे काफी मार्गदर्शन मिला.