नक्सली 21 से 27 सितंबर तक मनायेंगे स्थापना सप्ताह, अलर्ट पर पुलिस…..

भाकपा माओवादी 21 से 27 सितंबर तक अपना स्थापना सप्ताह मनाने की तैयारी कर रहे हैं. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली है कि इस दौरान नक्सली अपने प्रभाव क्षेत्र में रेल, सुरक्षा बलों के कैंप, और विकास से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य स्थलों जैसे सड़क निर्माण, पुल-पुलिया, मोबाइल टावर, साइडिंग, बाजार, और अन्य स्थानों पर हमला कर सकते हैं. इन हमलों का उद्देश्य सुरक्षा बलों और विकास कार्यों को नुकसान पहुँचाना हो सकता है.

पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को किया अलर्ट

इस गुप्त सूचना के आधार पर, पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है. एडीजी अभियान एवी होमकर ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे नक्सलियों की किसी भी गतिविधि का सतर्कता से मुकाबला करें और सुरक्षा बढ़ाएं. पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि नक्सली अक्सर छोटी-मोटी घटनाओं को अंजाम देते हैं ताकि पुलिस बल को उस स्थान पर बुलाया जा सके. इसके बाद नक्सली मार्ग में लैंड माइंस लगाकर या एंबुश (घात लगाकर हमला) करके पुलिस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं.

लैंड माइंस और एंबुश का खतरा

पुलिस को सलाह दी गई है कि किसी घटना की सूचना मिलने पर तुरंत मौके पर न जाकर पहले सुरक्षा मानकों (एसओपी) का पालन करें. नक्सलियों की यह रणनीति रही है कि वे छोटी घटनाओं के जरिए पुलिस को चकमा देने की कोशिश करते हैं, ताकि वे पुलिस को घात में फंसा सकें. इसलिए पुलिस को सतर्क रहने और हर सूचना की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.

सुरक्षा उपाय और निर्देश

अभियान के दौरान पुलिस को “लूज मूवमेंट” न करने की सलाह दी गई है, यानी बगैर योजना के किसी भी दिशा में पुलिस बल का मूवमेंट नहीं होना चाहिए. सभी पुलिस पिकेट्स, पोस्ट्स, और सुरक्षा कैंप्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है. रेलवे ट्रैक, जो अक्सर नक्सलियों के निशाने पर रहते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए अतिसंवेदनशील इलाकों की पहचान कर ली गई है. इसके अलावा, रेलवे और आरपीएफ के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर इन ट्रैक्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है.

महत्वपूर्ण सड़कों और बाजारों की निगरानी

एनएच (नेशनल हाईवे) और अन्य महत्वपूर्ण सड़कों पर भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा रही है. सभी हाट-बाजार जो इन क्षेत्रों में लगते हैं, उन पर पुलिस की कड़ी निगरानी होगी. पुलिस को निर्देश दिया गया है कि अनावश्यक रूप से पुलिस बल बाजारों या सार्वजनिक स्थानों पर न जाएं, ताकि किसी भी संभावित हमले का शिकार होने से बचा जा सके. सभी जिलों में पुलिस की गतिविधियों को नियंत्रित और योजनाबद्ध किया जा रहा है.

नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर

इस स्थापना सप्ताह के दौरान नक्सलियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाएगी. पुलिस और सुरक्षा बलों को हर छोटी-बड़ी जानकारी का तुरंत संज्ञान लेने और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से गश्त बढ़ाई जा रही है, और संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.

नक्सली रणनीति और खतरनाक हथकंडे

नक्सलियों की रणनीति में अक्सर यह देखा गया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विकास कार्यों को निशाना बनाते हैं. उनके हमले न सिर्फ सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए होते हैं, बल्कि इन इलाकों में हो रहे विकास कार्यों को भी रोकने का प्रयास किया जाता है. जैसे सड़क निर्माण, पुल-पुलिया निर्माण, और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जिनसे लोगों को लाभ मिल सकता है, वे नक्सलियों के लिए मुख्य टारगेट होते हैं. इसके अलावा, मोबाइल टावर, रेलवे साइडिंग, और बाजार जैसे स्थान भी नक्सलियों के निशाने पर होते हैं क्योंकि ये जगहें न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती हैं, बल्कि इनका सीधा प्रभाव स्थानीय जनजीवन पर भी पड़ता है.

नक्सलियों के हमले रोकने की रणनीति

पुलिस और सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के इस हमले की आशंका को देखते हुए विभिन्न रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है. रेलवे ट्रैक की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहाँ नक्सलियों का प्रभाव अधिक है. पुलिस और रेलवे अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. सभी जिलों के एसपी को निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से अपने क्षेत्रों में सुरक्षा समीक्षा करें और उन स्थानों पर विशेष ध्यान दें जहाँ हमले की आशंका अधिक है. पुलिस को सलाह दी गई है कि वे किसी भी छोटी घटना को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह नक्सलियों की चाल हो सकती है.

पुलिस बलों के लिए विशेष निर्देश

पुलिस बलों को खास निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी ऑपरेशन या मूवमेंट के दौरान लूज मूवमेंट न करें, यानी बिना किसी ठोस योजना के आगे न बढ़ें. साथ ही, पुलिस पिकेट्स, पोस्ट्स, और सुरक्षा कैंप्स को 24×7 हाई अलर्ट पर रखा जाए. रेलवे ट्रैक्स की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए आरपीएफ और स्थानीय पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाया जा रहा है, और महत्वपूर्ण सड़कों पर भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. सभी क्षेत्र में लगने वाले हाट-बाजारों में पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई है. इसके अलावा, पुलिस बल के अनावश्यक बाजार आने-जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि नक्सलियों को किसी भी तरह का अवसर न मिले.

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