झारखंड सरकार ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों, सदर अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के समुचित संचालन और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए 298 नए पद सृजित किए हैं. इन पदों पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के माध्यम से संविदा के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया है.
सृजित पदों का विवरण
• संकल्प के अनुसार, राज्य में 39 वरीय अस्पताल प्रबंधक, 201 अस्पताल प्रबंधक, 29 वित्तीय प्रबंधक और 29 आईटी एग्जीक्यूटिव के पद सृजित किए गए हैं. इन पदों को मेडिकल कॉलेजों, सदर अस्पतालों, अनुमंडल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज: राज्य के पांच मेडिकल कॉलेजों (एमजीएमसीएच जमशेदपुर, एसएनएमसीएच धनबाद, एसबीएमसीएच हजारीबाग, पीजेएमसीएच दुमका और एमआरएमसीएच पलामू) में प्रत्येक कॉलेज के लिए 3 वरीय अस्पताल प्रबंधक, 5 वित्तीय प्रबंधक और 5 आईटी एग्जीक्यूटिव के पद सृजित किए गए हैं.
• सदर अस्पताल: 24 सदर अस्पतालों में प्रत्येक के लिए एक वरीय अस्पताल प्रबंधक, एक वित्तीय प्रबंधक और एक आईटी एग्जीक्यूटिव का पद सृजित किया गया है.
• अनुमंडल अस्पताल और सीएचसी: 13 अनुमंडल अस्पतालों और 188 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रत्येक के लिए एक-एक अस्पताल प्रबंधक का पद सृजित किया गया है.
नए पद सृजित करने की आवश्यकता
राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं का लगातार विस्तार हो रहा है. इसके बावजूद इन संस्थानों में प्रशासनिक कार्यों, पर्यवेक्षण, और मॉनिटरिंग के लिए कोई स्वीकृत पद नहीं था. इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने यह पहल की है. इन नए पदों से अस्पताल प्रबंधन में सुधार आएगा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी.
प्रत्येक पद की जिम्मेदारी
अस्पताल प्रबंधक:
• अस्पतालों के प्रशासनिक कार्यों का पर्यवेक्षण.
• प्रभावी नीतियों का विकास और क्रियान्वयन.
• चिकित्सा व्यवस्थाओं को व्यवस्थित बनाना.
• कर्मियों के प्रदर्शन की निगरानी और प्रशिक्षण.
• मरीजों की समस्याओं का समाधान करना.
वित्तीय प्रबंधक:
• आवंटित धनराशि का प्रबंधन और उपयोग.
• योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग.
• वित्तीय आंकड़ों का आकलन और रिपोर्टिंग.
आईटी एग्जीक्यूटिव:
• अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डिजिटलीकरण की देखरेख.
• सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों का प्रबंधन और निगरानी.
• मरीजों और बीमारियों से संबंधित डेटा का डिजिटल संधारण.
डिजिटलीकरण से लाभ
राज्य के अस्पतालों में डिजिटलीकरण का कार्य प्रक्रियाधीन है. इसके पूरा होने से मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं तेजी से उपलब्ध कराई जा सकेंगी. साथ ही, बीमारियों और मरीजों के आंकड़ों के डिजिटल रिकॉर्ड से स्वास्थ्य योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी.
कुल सृजित पदों का वर्गीकरण
• मेडिकल कॉलेजों: 15 वरीय अस्पताल प्रबंधक, 5-5 वित्तीय प्रबंधक और आईटी एग्जीक्यूटिव.
• सदर अस्पतालों: 24-24 वरीय अस्पताल प्रबंधक, वित्तीय प्रबंधक और आईटी एग्जीक्यूटिव.
• अनुमंडल अस्पताल और सीएचसी: 201 अस्पताल प्रबंधक.