राष्ट्रीय पुस्तक मेला 2025: रांची में साहित्य का संगम, महुआ माजी ने किया पुस्तक का लोकार्पण….

राजधानी रांची के जिला स्कूल मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक मेला 2025 का आयोजन किया गया है. यह मेला साहित्य प्रेमियों और पुस्तक प्रेमियों के लिए एक अनोखा अवसर है, जहां हर आयु वर्ग के लिए किताबें उपलब्ध हैं. मेले का आयोजन 26 जनवरी 2025 तक चलेगा. सुबह 11 बजे से रात 7:30 बजे तक लोग इस मेले का आनंद ले सकते हैं.

महुआ माजी ने किया पुस्तक का लोकार्पण

पुस्तक मेले के तीसरे दिन, शनिवार को राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने संस्कृतिकर्मी अनीश अंकुर की पुस्तक ‘रंगमंच के सामाजिक सरोकार’ का लोकार्पण किया. इस अवसर पर एक कृति चर्चा का भी आयोजन हुआ, जिसमें डॉ. अरुण कुमार, एम.जे. खान, प्रकाश देवकुलीश, डॉ. प्रकाश सहाय और डॉ. उर्वशी ने भाग लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विनोद कुमार ने की. प्रकाशन संस्थान के निदेशक हरिशचंद शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया.

पुस्तक मेले में उपलब्ध खास किताबें

राष्ट्रीय पुस्तक मेले में वरिष्ठ और युवा लेखकों की चर्चित कृतियां उपलब्ध हैं. इनमें वरिष्ठ कथाकार काशीनाथ सिंह, भीष्म साहनी, शिरीष खरे, प्रमोद भार्गव और उषाकिरण खान के साथ-साथ युवा कथाकार गीताश्री, संदीप मीर, यामिनी और अनुकृति उपाध्याय की किताबें प्रमुख रूप से शामिल हैं.

प्रमुख स्टॉल्स:

राजपाल एंड संस:

यहां बेनजीर भुट्टो की ‘मेरी आपबीती’, मिर्जा गालिब की ‘गालिब’, काशीनाथ सिंह की ‘मेरी प्रिय कहानियां’ और पद्मश्री नरेन्द्र कोहली की ‘वरुण पुत्री’ जैसी चर्चित किताबें उपलब्ध हैं.

समय प्रकाशन और यश प्रकाशन:

इस स्टॉल पर रेणु की ‘श्रेष्ठ कहानियां’, सूर्यकांत नागर की ‘श्रेष्ठ कहानियां’, चंद्रकांता की ‘कथानगर’, और शुभदा मिश्र की ‘यहीं कहीं होगी संजीवनी’ जैसी किताबें उपलब्ध हैं.

अन्य प्रकाशकों जैसे प्रकाशन संस्थान, हिन्द युग्म, वर्मा बुक कंपनी और झारखंड झरोखा के स्टॉल्स पर भी कहानी संग्रह और साहित्यिक पुस्तकें देखी जा सकती हैं.

लोकगीत और देशभक्ति गायन प्रतियोगिता

पुस्तक मेले के शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत शनिवार को बच्चों के लिए लोकगीत और देशभक्ति गीत गायन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. बच्चों ने लोक धुनों पर आधारित गीतों से समां बांध दिया. श्रोताओं ने इस कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया और बच्चों का उत्साहवर्धन किया.

पुस्तक संवाद और चित्रकला प्रतियोगिता

रविवार को मेले में दो विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

पुस्तक संवाद:

शाम 4 बजे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की 10 पुस्तकों पर केंद्रित संवाद होगा. ये पुस्तकें ‘समय के सवाल’ शृंखला के तहत प्रकाशित हैं. संवाद सत्र में विनय भरत, हरिवंश से चर्चा करेंगे.

चित्रकला प्रतियोगिता:

अपराह्न 3 बजे बच्चों के लिए नि:शुल्क चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. इसमें विभिन्न आयु वर्ग के बच्चे भाग ले सकेंगे.

मेले का महत्व और अनुभव

राष्ट्रीय पुस्तक मेला 2025 न केवल पुस्तक प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव है, बल्कि यह साहित्यिक संवाद और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों और बड़ों को समान रूप से प्रेरित कर रहा है. यहां उपलब्ध विविध साहित्यिक कृतियां, कहानी संग्रह, और प्रेरणादायक किताबें पाठकों को नई दृष्टि और ऊर्जा प्रदान कर रही हैं.

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