झारखंड सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से पश्चिमी सिंहभूम जिले में लगभग 7000 महिलाओं के नाम हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण सामने आए हैं—एक, योजना का गलत लाभ लेने वाली महिलाओं की पहचान और दूसरा, उम्र सीमा पार करने वाले लाभुकों को योजना से हटाना.
किन महिलाओं के नाम हटाए जा रहे हैं?
जानकारी के अनुसार, इस योजना से हटाई जाने वाली 7000 महिलाओं में से करीब 3000 महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने गलत दस्तावेज जमा किए थे या फिर वो वैसे परिवार से संबंध रखती हैं जो पहले से ही किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रहा है. इनमें सरकारी कर्मचारी परिवार, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, पारा शिक्षक और सरकारी पेंशनधारियों के परिवार शामिल हैं. विभाग की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि इन महिलाओं ने नियमों का उल्लंघन करते हुए योजना का लाभ उठाया है. विभाग की ओर से इन लाभुकों को चिह्नित करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है और दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है. जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, पश्चिमी सिंहभूम के सहायक निदेशक खुशेंद्र सोनकेसरी ने जानकारी दी कि जांच और स्क्रूटनी के बाद ही यह स्पष्ट रूप से बताया जा सकेगा कि कितने लोगों का नाम योजना से हटाया जाएगा, लेकिन प्रारंभिक आंकड़ों में 7000 लाभुकों को हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है.
50 साल की उम्र पार करने वाली महिलाएं भी होंगी बाहर
मंईयां सम्मान योजना का लाभ 18 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को ही दिया जाता है. ऐसे में लगभग 4000 महिलाएं जो 1 अप्रैल 2025 तक 50 वर्ष की उम्र पूरी कर लेंगी, उन्हें भी इस योजना से हटा दिया जाएगा. ये महिलाएं अब इस योजना के अंतर्गत नहीं आएंगी और उन्हें वृद्धा पेंशन योजना के तहत आवेदन करना होगा, जिसके तहत उन्हें 1000 रुपये प्रति माह पेंशन के रूप में दिया जाएगा. वर्तमान में मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभ पाने वाली महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है. लेकिन 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी महिलाओं को योजना से बाहर कर देने के बाद उन्हें वृद्धा पेंशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा और उसके बाद उन्हें मात्र 1000 रुपये प्रति माह की राशि मिलेगी.
कुल लाभुकों की संख्या में आएगी कमी
पश्चिमी सिंहभूम जिले में फिलहाल 2 लाख 48 हजार 644 महिलाएं मंईयां सम्मान योजना की लाभुक हैं. लेकिन 7000 नाम हटने के बाद यह संख्या घटकर लगभग 2 लाख 41 हजार रह जाएगी. सरकार का कहना है कि इससे योजना की पारदर्शिता बनी रहेगी और वास्तविक हकदारों तक ही लाभ पहुंचेगा. सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो न तो किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रही हैं और न ही किसी सरकारी कर्मचारी के परिवार से हैं. इसके अतिरिक्त दस्तावेजों की सत्यता भी सुनिश्चित की जाएगी. अगर किसी लाभुक ने फर्जी दस्तावेज जमा किए हैं तो उसे योजना से हटाया जाएगा.
वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन अनिवार्य
50 वर्ष की उम्र पूरी करने वाली महिलाओं के लिए अब वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा. इसके लिए उन्हें अपने प्रखंड कार्यालय में जाकर आवेदन करना होगा. आवेदन की स्वीकृति के बाद उन्हें योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी.