नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के बाद तालाबों व जलाशयों के संरक्षण के लिए नगर विकास विभाग द्वारा गठित की गई उप समिति की बैठक शुक्रवार को नगर आयुक्त मुकेश कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें जलाशयों को प्रदूषण से बचाने पर चर्चा हुई। प्रदूषण नियंत्रण परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि एनजीटी ने जलाशय को प्रदूषण से बचाने के लिए जो गाइडलाइन जारी की है, उसे लागू किए बिना जलाशयों को स्वच्छ नहीं बनाया जा सकता। नगर आयुक्त ने कहा कि जलाशयों और तालाब के पानी की गुणवत्ता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए संबंधित वार्ड के पार्षद की अध्यक्षता में एक वाटर कंजर्वेशन कमेटी का गठन किया जाएगा। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण पार्षद से कहा कि पानी की गुणवत्ता के आकलन के लिए एक समिति का गठन करें, जो विसर्जन के पूर्व और विसर्जन के बाद संबंधित जलाशयों से पानी लेकर उसकी गुणवत्ता का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी।
वहीं रिपोर्ट के आधार पर शहर के तालाबों में मूर्ति विसर्जन के लिए अब स्थायी कुंड का निर्माण होगा। इसके लिए ऐसे जलाशयों को चिन्हित किया जाएगा जहां सालों से प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा है। इसके अलावा सोसाइटी परिसर में पूजा का आयोजन करने वाले समितियों को अस्थायी कुंड का निर्माण कर स्थापित मूर्ति का विसर्जन करना होगा।
वहीं, मूर्ति विसर्जन से पहले व मूर्ति विसर्जन के बाद पानी की गुणवत्ता की भी जांच की जाएगी। इसके लिए झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड अलग से समिति का गठन करेगा। यह समिति विसर्जन से जलाशयों को होने वाले नुकसान को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद नगर आयुक्त की अध्यक्षता वाली उप समिति को इसकी रिपोर्ट सौंपेगी। इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी के रूप में रांची एसडीओ का चयन किया गया है। नगर आयुक्त मुकेश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को उप समिति की हुई बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सोसाइटी परिसर में पूजा का आयोजन करने वाले समितियां साज सज्जा में इस्तेमाल होने वाले कपड़े, फूल माला आदि को एक डस्टबीन में रखेंगे। इस समिति में खूंटी उपायुक्त, रांची एसएसपी, यातायात पुलिस अधीक्षक, प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्रीय पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी खूंटी शामिल हैं।
पूजा समितियों के लिए कार्यशाला का आयोजन..
झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन की जानकारी देने के लिए पूजा समितियों एवं मूर्तिकारों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड के मानकों के आधार पर मूर्ति एवं पंडाल निर्माण एवं विर्सजन के लिए निगम के द्वारा एक निर्देशिका बना कर पूजा समितियों को दिया जाएगा। जो हिन्दी में उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा इको फ्रेंडली पूजा आयोजन करने वाले समितियों को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही जलाशयों एवं तालाबों के जल की गुणवत्ता एवं स्वच्छता बनाये रखने के लिए वार्ड पार्षदों की अध्यक्षता में एक वाटर कंजर्वेशन कमिटी का गठन किया जाएगा।