झारखंड से 15 अक्तूबर तक मानसून की वापसी, दुर्गा पूजा के दौरान हल्की बारिश की संभावना…..

झारखंड में इस साल मानसून के लौटने का समय 15 अक्तूबर तक होने की संभावना है. मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि राज्य में दुर्गा पूजा के दौरान हल्के बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की बारिश भी हो सकती है. दो से 10 अक्तूबर तक रांची समेत पूरे राज्य में बादलों की हल्की परत बनी रहेगी. दुर्गा पूजा की शुरुआत तीन अक्तूबर को कलश स्थापना के साथ होगी, जिसके बीच-बीच में मौसम का मिजाज बदलने का अनुमान है. मौसम विभाग के अनुसार, इस साल झारखंड में मानसून 15 अक्तूबर तक बने रहने की उम्मीद है. पिछले वर्ष मानसून की वापसी 21 अक्तूबर को हुई थी, लेकिन इस बार अनुमान है कि यह कुछ दिन पहले लौट सकता है. मानसून के लौटने की सामान्य तिथि 30 सितंबर मानी जाती है, लेकिन राज्य के विभिन्न भागों में बारिश और बादलों का असर 15 अक्तूबर तक दिख सकता है. मानसून की वापसी की गणना: मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानसून का सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक रहता है, लेकिन इस बार इसकी वापसी अक्तूबर के मध्य तक खिंच सकती है. झारखंड में इस वर्ष मानसून की अवधि में 1011 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 1018.3 मिमी से मात्र एक प्रतिशत कम है. यह सामान्य से लगभग बराबर ही माना जा सकता है। हालांकि, कुछ जिलों में बारिश सामान्य से अधिक हुई है.

राज्य में बारिश का वितरण:

इस साल धनबाद में 32 फीसदी, गढ़वा में 23 फीसदी, लातेहार में 22 फीसदी, रांची में 18 फीसदी, पलामू में 16 फीसदी और बोकारो में 15 फीसदी अधिक बारिश हुई. इसके अलावा गिरिडीह, कोडरमा, खूंटी, सरायकेला, सिमडेगा और दुमका में भी सामान्य से एक से 14 प्रतिशत तक अधिक बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य से मानसून की वापसी अक्तूबर के मध्य तक होने की संभावना है. इसके अनुसार, देश के पश्चिमी हिस्सों से मानसून की वापसी छह दिन पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे झारखंड में भी इसकी वापसी तय समय से पहले हो सकती है.

हथिया नक्षत्र का असर:

दुर्गा पूजा के दौरान 27 सितंबर से लेकर 10 अक्तूबर तक हस्त नक्षत्र यानी हथिया नक्षत्र की अवधि रहेगी. इस नक्षत्र के दौरान अक्सर बारिश की संभावना होती है. पंडित रामदेव पांडेय के अनुसार, इस नक्षत्र में बारिश का योग बनता है, जिससे दुर्गा पूजा के दौरान हल्की बारिश हो सकती है. 11 अक्तूबर से चित्रा नक्षत्र का आरंभ हो रहा है, जो हल्की बारिश की संभावना को और बढ़ा सकता है. शारदीय नवरात्र के पहले दिन, जब माता दुर्गा नाव पर सवार होकर आएंगी, तब भी बारिश का योग बन रहा है.

मानसून का सामान्य रिकॉर्ड:

झारखंड में हर साल एक जून से 30 सितंबर तक मानसून की अवधि मानी जाती है, लेकिन राज्य में इसकी वापसी कभी-कभी अक्तूबर के मध्य तक खिंच जाती है. पिछले साल भी मानसून की वापसी देरी से हुई थी. अक्तूबर के शुरुआती दिनों में आने वाले हथिया नक्षत्र के चलते बारिश की संभावना बढ़ गई है. पूजा के दौरान बारिश होने के बावजूद, हल्के बादलों के छाए रहने से मौसम सुहावना रहेगा. हालांकि, इस बीच किसानों और आम लोगों के लिए मौसम का यह बदलाव थोड़ी परेशानी पैदा कर सकता है.

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