झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र: 26 जुलाई से 2 अगस्त तक…

झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 26 जुलाई 2024 से शुरू होकर 2 अगस्त 2024 तक चलेगा. इस सत्र के दौरान कुल छह कार्य दिवस होंगे और यह सत्र वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल का अंतिम विधानसभा सत्र होगा, जिससे इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस सत्र के आह्वान को स्वीकृति दे दी है.

सत्र का विस्तृत कार्यक्रम

सत्र के पहले दिन, 26 जुलाई को, सदन की शुरुआत सामान्य प्रक्रिया के तहत होगी. अगर किसी नए सदस्य का शपथ ग्रहण बाकी है, तो इसे प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा विधानसभा को संबोधित किया जाएगा, जिसमें वे राज्य सरकार की उपलब्धियों, नीतियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालेंगे. यदि यह संबोधन नहीं हो पाता है, तो इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे. सदन में किसी महत्वपूर्ण व्यक्तित्व के निधन पर शोक प्रकाश भी व्यक्त किया जाएगा, यदि आवश्यक हो.

अवकाश

27 जुलाई (शनिवार) और 28 जुलाई (रविवार) को विधानसभा की बैठक नहीं होगी.

वित्तीय कार्य

29 जुलाई (सोमवार) को प्रश्नकाल से शुरुआत होगी, जिसमें सदन के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर सरकार से प्रश्न पूछेंगे. इसके बाद वित्त वर्ष 2024-2025 के प्रथम अनुपूरक बजट को पेश किया जाएगा. इस बजट में राज्य के विकास कार्यों और योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि की स्वीकृति मांगी जाएगी. 30 जुलाई (मंगलवार) को इस बजट पर चर्चा होगी और अनुमोदन के बाद इसे पास किया जाएगा.

विधायी और राजनीतिक कार्य

31 जुलाई (बुधवार) को प्रश्नकाल के बाद राज्य सरकार के विधेयकों और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर चर्चा होगी. इसी तरह, 1 अगस्त (गुरुवार) को भी प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्यों पर चर्चा की जाएगी. 2 अगस्त (शुक्रवार) को प्रश्नकाल के बाद गैर सरकारी सदस्य अपने मुद्दे और संकल्प प्रस्तुत करेंगे.

प्रमुख विधेयक और प्रस्ताव

इस मॉनसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक और प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है. इनमें राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. राज्य सरकार की योजनाओं और नीतियों की समीक्षा के साथ-साथ विपक्षी दल भी अपने मुद्दों को लेकर सरकार से सवाल करेंगे और उनके समाधान की मांग करेंगे.

राजनीतिक दृष्टिकोण

चूंकि यह हेमंत सोरेन सरकार का अंतिम विधानसभा सत्र है, इसलिए इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सरकार अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के सामने रखेगी और विपक्षी दल सरकार की विफलताओं को उजागर करने का प्रयास करेंगे. आगामी चुनावों के मद्देनजर, यह सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. यह सत्र सरकार को अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखने का अंतिम अवसर प्रदान करेगा और विपक्ष को अपनी आलोचनाओं को स्पष्ट करने का मौका देगा.

विशेष सत्र और उसकी प्रासंगिकता

इस माह झारखंड विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र भी आहूत हुआ था. इस दौरान हेमंत सोरेन सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे सदन ने समर्थन दिया. यह पांचवीं विधानसभा का अंतिम सत्र होगा. नवंबर-दिसंबर में राज्य में विधानसभा चुनाव निर्धारित हैं. मॉनसून सत्र के दौरान ही विधानसभा में विशेष सत्र बुलाए जाने की संभावना है, जिसमें राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष चर्चा की जाएगी. हेमंत सोरेन सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में जनता के हित में कई बड़े फैसले ले सकती है.

प्रमुख घटनाएँ

इस सत्र के दौरान 29 जुलाई को पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. यह बजट राज्य के विकास कार्यों, योजनाओं और विभिन्न विभागों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. बजट के प्रस्तावित व्यय की चर्चा और अनुमोदन के बाद इसे पास किया जाएगा.

सुरक्षा व्यवस्था

विधानसभा सत्र के दौरान रांची शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटा जा सके. विधानसभा परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.

मीडिया की भूमिका

विधानसभा सत्र के दौरान मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. मीडिया के माध्यम से जनता तक सत्र की हर गतिविधि की जानकारी पहुंचाई जाएगी. मीडिया भी सरकार और विपक्ष दोनों के बयानों और गतिविधियों पर नजर रखेगा. इससे जनता को सत्र की हर गतिविधि और चर्चाओं की जानकारी प्राप्त होगी. मीडिया की यह कवरेज सत्र की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाने में मदद करेगी.

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