मानसून सत्र का दूसरा दिन, सहायक पुलिसकर्मियों के मसले पर सत्ता और विपक्ष में छिड़ी जोरदार बहस..

सोमवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन काफी हंगामेदार रहा| सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी दल ने मोरहाबादी मैदान में आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर जमकर हंगामा किया। इसी बीच भाजपा के विधायक सदन के वेल में पहुंच गए, जिसके बाद स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के आग्रह करने परविधायक अपनी सीट पर वापस पहुंचे। इस मसले पर सदन के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार के प्रतिनिधिजब सहायक पुलिसकर्मियों को समझाने के लिए वहां पहुंचते हैं, तो मोरहाबादी मैदान के आसपास विपक्ष के नेता मंडराने लगते हैं। रांची के विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने इस बात पर चुटकी लेते हुए कहा कि मोरहाबादी मैदान के आसपास भाजपा के विधायक जॉगिंग के लिए जाते हैं।

इससे पहले विपक्ष ने सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज के मुद्दे पर सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया, हालांकि उसे अमान्य करार दिया गया। सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज के मामले पर हेमंत सोरेन ने कहा कि इस मामले पर विपक्ष इतना आक्रोशित क्यों हो गया है, ये समझ से परे है। उन्होंने कहा कि हमने अपने प्रतिनिधि को सहायक पुलिसकर्मियों के पास भेजा था। कोरोना संक्रमण फैल रहा है, ऐसा जमावड़ा करना अपराध है।इससे सहायक पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण होने का खतरा है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि लोगों की बातों को सुनना सरकार का दायित्व है।इसलिए कल सरकार के प्रतिनिधि ने मोरहाबादी मैदान में जाकर बातचीत की और स्पष्ट रूप से सारी चीजें रखी हैं। और तो और गिरिडीह के विधायक भी उनके पास गए थे। बातचीत के दौरान सभी बातें तय हो जाती हैं, लेकिन क्या वजह है कि प्रतिनिधियों के वापस लौटते ही थोड़ी देर बाद सहायक पुलिसकर्मी फिर आक्रोशित हो जाते हैं।

हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि सरकार और प्रशासन की मजबूरी बनती है, उन्हें उद्दंडता करने से रोके। मानवता के नाते सरकार सभी के बारे में सोचती है। हमने उनके (सहायक पुलिसकर्मियों) के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है। लेकिन उन्हें भड़का कर उनका भविष्य खराब किया जा रहा है। सरकार हठधर्मिता और गलत चीजों पर मौन नहीं रह सकती इसलिए सरकार की सहनशीलता का परिचय न लिया जाए।

हेमंत सोरेन ने अपील करते हुए कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों के प्रति सरकार संवेदनशील है|विपक्ष से अपील है कि आप भी सहयोग करे। किसी भी प्रक्रिया को पूरा करने में वक्त लगता है। ऐसे में हमने आश्वासन दिया है कि सब ठीक हो जाएगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि मोरहाबादी मैदान में बड़े पैमाने पर खाना-पीना मुहैया कराया जा रहा है जो कि अच्छी राजनीति का परिचय नहीं है। सकारात्मक राजनीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कभी घोषणा करने की स्थिति बनती है तभी अचानक बवाल हो जाता है। सत्ता पक्ष जैसे ही समझाकर जाती है, विपक्ष वहां पहुंचकर जहर का बीज बो देते हैं।

सदन के नेता हेमंत सोरेन की बातों का जवाब देते हुए भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि आपको जनता ने मेन्डेट दिया तो लाठी चलाने के लिए नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मोरहाबादी मैदान में विपक्ष के विधायक जॉगिंग करने के लिए भी जाते हैं। जनता ने सत्ता सौंपी है तो बैठकर रास्ता निकालना चाहिए था लेकिन आप रास्ता नहीं निकालना चाहते। सीपी सिंह के वक्तव्य के दौरान सत्ता पक्ष की एक महिला विधायक ने कहा कि सत्ता आपको भी मिली थी, आपने पारा टीचरों पर लाठीचार्ज करवाया था।

सिल्ली से विधायक सह आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री को अगर सहायक पुलिसकर्मियों के बीच कोरोना फैलने और उनके भविष्य की इतनी ही चिंता है तो अब उन्हें खुद इस मामले में कोई ठोस पहल करनी चाहिए।