मोमेंटम झारखंड की होगी CID जांच, सीएम हेमंत सोरेन ने दिया आदेश..

रांची: झारखंड के पूर्ववर्ती सरकार में बहुचर्चित मोमेंटम झारखंड में अनियमितता के आरोपों की जांच की जिम्मेदारी झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) कर सकती है। उद्योग विभाग के मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इससे संबंधित प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। अब फाइल गृह विभाग पहुंच गई है, जहां विचार-विमर्श चल रहा है। पूर्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोमेंटम झारखंड के दौरान कथित घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराने की घोषणा की थी, जिसपर विचार विमर्श हुआ और इसके तकनीकी पहलुओं की भी जानकारी ली गई। इसके बाद उद्योग विभाग ने पूरे मामले की जांच सीआइडी से कराने का विचार किया, जिसकी फाइल पर उद्योग मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने सहमति दी।

वर्ष 2017 में हुआ था मोमेंटम झारखंड, लगा है यह आरोप..
मोमेंटम झारखंड का आयोजन वर्ष 2017 में हुआ था। आरोप है कि इसमें जिन 11 कंपनियों के साथ करार हुआ था, उसका गठन आयोजन से कुछ माह पहले हुआ। यह स्पष्ट करता है कि सिर्फ मोमेंटम झारखंड का लाभ लेने के उद्देश्य से ही इन कंपनियों को बनाया गया। मोमेंटम झारखंड में कुल 238 एमओयू हुए थे, इनमें से 13 एमओयू विदेशी कंपनियों, 74 एमओयू झारखंड की कंपनियों और शेष एमओयू अन्य राज्यों की कंपनियों से हुए। केवल 25 एमओयू में 22 कंपनियों को 350 एकड़ जमीन आवंटित की गई।

पहले एसीबी में हुई थी शिकायत, 100 करोड़ के घोटाले का आरोप..
पूर्व में एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने जनवरी 2020 में शिकायत की थी कि पूर्व की सरकार में मोमेंटम झारखंड की शुरुआती बजट को बढ़ाया गया था। शुरुआत में इसका बजट केवल 8.5 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये किए गए था। निवेशकों को बुलाने के नाम पर लंदन, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका सहित कई शहरों में रोड शो आयोजित किया गया था। इसके नाम पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेटे व अन्य लोगों ने सैर-सपाटे भी किए।

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