राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की हर कोशिश में लगी है हेमंत सरकार। राज्य के हर पंचायत में मॉडल स्कूल शुरू करने की तैयारी चल रही है। जहां सभी विद्यार्थी के साथ ड्रॉपआउट बच्चों की भी बेहतर शिक्षा की व्यवस्था शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ड्रॉपआउट बच्चों की शिक्षा के लिए आदेश जारी किया था कि ऐसे बच्चों के लिए शिक्षा की विशेष व्यवस्था की जाए। इस मॉडल स्कूल की योजना के अंतर्गत सभी पंचायत के स्कूलों में समानता और शिक्षा की गुणवत्ता व उत्कृष्टता का विशेष ध्यान रखा जायेगा। वहीं विद्यालयों में लैंग्वेज लैब की भी व्यवस्था की जाएगी जहां बच्चे अंग्रेजी सीख सकेंगे।
राज्य सरकार ने अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा गरीब, किसान, वंचित, पिछड़ों के बच्चों को भी प्राप्त हो इसलिए पंचायत स्तर पर मॉडल स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गए हैं। मॉडल स्कूल के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया गया है।
बता दें इससे पहले सरकार के एक वर्ष पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 27 मॉडल स्कूल शुरू करने की घोषणा की थी। जहां हर जिले के जिला स्कूल या मनोनीत व अन्य स्कूलों को चयनित किया गया है। घोषित 27 मॉडल स्कूलों की निविदा की प्रक्रिया हो चुकी है। इसी चरण में 53 स्कूलों के लिए निविदा आमंत्रित की जानी है। दूसरे चरण में 500 स्कूलों एवं तीसरे चरण में सभी पंचायतों में मॉडल स्कूल की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास होगा। मॉडल स्कूल के मामले का निरीक्षण मुख्यमंत्री खुद कर रहे हैं, ताकि झारखंड के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके। मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलने का भरोसा दिलाया है।
इस योजना के तहत सभी प्रस्तावित मॉडल स्कूलों को सीबीएसई संबंद्धता दिलाई जाएगी ताकि राज्य की शिक्षा की गुणवत्ता को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाया जा सके।
इस योजना अंतर्गत सर्वप्रथम प्राचार्य व शिक्षकों की क्षमता विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। जिसके लिए स्कूलों में विषयवार पदस्थापित शिक्षकों की तकनीकी क्षमता के विकास एवं कक्षा संचालन प्रक्रिया, छात्र केन्द्रित अध्यापन के लिये नियमित रूप से शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। वहीं स्कूल संचालन का नेतृत्व करने वाले प्रधानाध्यापकों की पठन-पाठन क्षमता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिये आईआईएम, एक्सएलआरआईएनसीईआरटी, एनईआईपी जैसी संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजना है।
इस मॉडल स्कूल में अन्य स्कूलों के तर्ज पर चयन परीक्षा का भी आयोजन किया जाएगा। जिसके बाद उनकी मेधा के अनुरूप बच्चों चयन का होगा।
यहाँ पहले प्राथमिक कक्षा से लेकर कक्षा 12वीं तक की पढाई होगी। प्रस्तावित स्कूलों में एक हजार से 1200 विद्यार्थियों के शिक्षण की व्यवस्था एवं की गई है आवश्यकतानुसार संख्या में वृद्धि करने की योजना है। प्रारंभिक कक्षाओं के लिये स्कूल के निकट रहने वाले अभिभावकों के बच्चों को प्राथमिकता दी जा सकती है। वहीं भविष्य में इस योजना का विस्तार करते हुए राज्य के लाखों बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। मॉडल स्कूल योजना को राज्य के लिये फ्लैगशिप योजना के रूप में लिये जाने का संकल्प है।
मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थी पाठ्य पुस्तक पढ़ सकने की क्षमता प्राप्त कर सकें, इसके लिये आओ पढ़े, खूब पढ़े पठन अभियान शुरू करने की योजना है। लैंग्वेज लैब की स्थापना के साथ स्पोकेन इंग्लिश कोर्स तैयार कर विद्यालयों में संचालित किया जाएगा। जिसकी सहायता बच्चों में अंग्रेजी बोलने की क्षमता विकसित होगी। इसके साथ ही पठन सामग्री के रूप में पाठ्य पुस्तकें, कहानियां, आलेख एवं शब्दों को पढ़ने का अभ्यास कराया जायेगा।