झारखंड में मॉक ड्रिल की शुरुआत: स्कूली बच्चे आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार

रांची: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में झारखंड के पांच सिविल डिफेंस जिलों में मॉक ड्रिल की शुरुआत की गई है। राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों में बुधवार सुबह से ही मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य बच्चों और आम नागरिकों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है।

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मॉक ड्रिल के तहत स्कूली छात्रों को बताया जा रहा है कि युद्ध या आतंकी हमले जैसी स्थितियों में किस प्रकार संयम और सूझबूझ से घायलों की मदद की जा सकती है। बच्चों को स्ट्रेचर बनाना, घायलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना, अचानक हुए हमले से बचाव के तरीके जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी जा रही है।

गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसके बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना द्वारा युद्ध अभ्यास बढ़ा दिया गया है। इसी के मद्देनज़र देशभर में मॉक ड्रिल के ज़रिए आम नागरिकों को सतर्क और तैयार रहने का संदेश दिया जा रहा है।

रांची के स्कूलों में मॉक ड्रिल के दौरान बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। बच्चों ने कहा कि वे अब पहले से ज्यादा जागरूक हैं और देश के लिए किसी भी स्थिति में तैयार हैं। स्कूल प्रबंधन ने भी बताया कि वे नियमित रूप से ऐसे अभ्यासों को अपनाकर छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं।

ईटीवी भारत की टीम ने जब मॉक ड्रिल के दौरान कुछ स्कूलों का दौरा किया, तो बच्चों और शिक्षकों ने एक स्वर में कहा – “अब हम आपात स्थिति में घबराने की बजाय मदद के लिए आगे बढ़ेंगे।”

मॉक ड्रिल की यह पहल न सिर्फ बच्चों को सुरक्षा के प्रति जागरूक बना रही है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सिविल डिफेंस तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। प्रशासन का उद्देश्य है कि यह अभ्यास राज्य के हर कोने तक पहुंचे और हर नागरिक आपात स्थिति में सटीक प्रतिक्रिया दे सके।

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