देवघर: महा शिवरात्रि पर बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर देवघर में प्रवेश के दाैरान बरकागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त के बीच तू-तू मैं-मैं हो गई। यह मुद्दा तूल पकड़ रहा है। बुधवार को झारखंड विधानसभा में अंबा प्रसाद के दुर्व्यवहार का मुद्दा उठा। विधायकी मामलों के मंत्री आलमगीर आलम ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद देवघर जिला प्रशासन भी रेस है। उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं।उपायुक्त ने कहा है कि महाशिवरात्रि के अवसर बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर में विधायक अम्बा प्रसाद से जुड़े मामले की जांच का आदेश दिया गया है।
उप विकास आयुक्त ताराचंद करेंगे जांच..
जांच की जिम्मेदारी उप विकास आयुक्त कुमार ताराचंद को दिया गया है। 48 घंटे के अंदर उपायुक्त कार्यालय को तथ्यात्मक जवाब प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि जांच प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई की जा सके। जानकारी हो कि विधायक अंबा प्रसाद ने आज विधानसभा में कहा कि वह कल देवघर गयी थी, मंदिर में अव्यवस्था का माहौल था। मैंने एसडीओ को बुलाया, वे नहीं आए, मुझको खुद आने को कहा। एसडीओ दिनेश यादव ने रिस्पांस नहीं दिया। अभिवादन का जवाब नहीं दिया। मंदिर के प्रबंधक ने बदतमीजी की।
सरकार ने ही लगा रखी वीआइपी व्यवस्था पर रोक..
पूर्व की रघुवर सरकार के समय से ही बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर देवघर में वीआइपी व्यवस्था पर रोक है। इसके बावजूद यहां आने वाले कई सांसद, विधायक, मंत्री और अधिकारी वीआइपी ट्रीटमेंट चाहते हैं। इस दाैरान मंदिर प्रबंधक और खुद को वीआइपी बताने वालों के बीच विवाद होता रहता है। बहुत बड़े वीआइपी के लिए जिला प्रशासन के पास प्रोटोकाल गाइडलाइंस उपलब्ध है। उसके अनुसार वीआइपी ट्रीटमेंट मुहैया कराई जाती है।
अंबा और मंदिर प्रबंधक के बीच विवाद..
बरकागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद मंदिर में प्रवेश के लिए वीआइपी ट्रीटमेंट चाहती थी। शिवरात्रि के दाैरान करीब दो लाख लोग देवघर में जुटे थे। मंदिर प्रबंधन ने अंबा को पहले वीआइपी ट्राटमेंट देने से इन्कार कर दिया। इसी बात को लेकर विवाद हुआ। हालांकि प्रबंधन ने बाद में अंबा को मंदिर में लेकर पूजा करवाया। इसके बाद वह काफी गदगद नजर आ रही थीं। पहले दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। पूजा करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बोलीं-सब ठीक है।