रांची: झारखण्ड के अलग राज्य बनते ही दुमका को इसकी उपराजधानी बना दी गई थी। दुमका को उपराजधानी बने 21 वर्ष हो गए, फिर भी यहां उचित संरचनाएं उलब्ध नही हो पाई थीं। अब जाकर झारखंड सरकार ने यहां मिनी सचिवालय बनाने का निर्णय लिया हैं। दुमका के विधायक बसंत सोरेन के नेतृत्व में विधायकों के एक दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। उपराजधानी होने के बावजूद यहां उचित संरचनाएं उपलब्ध नही हो पाई है। यहां वन विभाग के डाक बंगले को राजभवन का रूप देकर काम चलाया जा रहा था। एक आयुक्त के कार्यालय को सीएम सचिवालय का सह कैंप कार्यालय बनाया गया। इन सभी मुद्दों को देखते हुए बसंत सोरेन ने यहां मुख्यमंत्री आवास, सचिवालय और मंत्रियों के आवास बनाने की मांग रखी। जिसके बाद राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
भूमि की हो गई है चयन..
मिनी सचिवालय के लिए विजयपुर में एक जमीन चिन्हित की गई है , जो कि कृषि बाजार समिति के नाम पर है। यह 20 दशमलव 12 एकड़ का भूखंड है, जिसमे 8 एकड़ के भूखंड पर माडल कॉलेज का निर्माण पहले ही हो चुका हैं। बाकी के 12.12 एकड़ का भूखंड अभी भी बाकी है।
दिल्ली की आर्किटेक्ट कंपनी डीडीएफ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का हुआ चयन..
मिनी सचिवालय बनाने के लिए डीडीएफ कंस्ट्रक्ट प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया गया है। अभियंता प्रमुख व मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर विभाग के संयुक्त सचिव ओनिल क्लेमेंट ओड़ैया ने जिला स्तर से चिह्नित की गयी भूमि पर कॉम्प्रिहेंसिव प्लान व डिजाइन तैयार करने को कहा है. दोनों स्थल काे चिह्नित कर उसका ब्योरा जिलास्तर से राज्य मुख्यालय को उपलब्ध करायी जा चुकी है।