धनबाद: झारखंड से बाहर काम करने गए प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला धनबाद जिले के गोमो क्षेत्र का है, जहां खैराबेड़ा गांव निवासी एक युवक की कुवैत में काम के दौरान मौत हो गई।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गोमो हरिहरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत चैता पंचायत के खैराबेड़ा गांव निवासी जागेश्वर महतो का 26 वर्षीय पुत्र रंजीत कुमार महतो कुवैत में कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड कंपनी में कार्यरत था। बुधवार शाम कार्य के दौरान अचानक टावर से गिरने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रंजीत कुमार अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक अपने पीछे पत्नी गीता देवी, दो बेटियां सृष्टि कुमारी (6), सुरभी (4) और एक बेटा सौरभ कुमार (2) को छोड़ गया है।
परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई है कि रंजीत के शव को भारत लाने की व्यवस्था की जाए ताकि वे अंतिम दर्शन कर सकें और सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार कर सकें।
घटना की सूचना मिलते ही प्रवासी मजदूरों के हित में कार्यरत समाजसेवी सिकंदर अली पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि चुनावी वादों में पलायन और रोजगार का मुद्दा हमेशा छाया रहता है, लेकिन वास्तविकता में झारखंड के युवाओं को अब भी रोजगार के लिए देश और विदेश जाना पड़ रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कब तक झारखंड के युवाओं को अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरे देशों में काम करना पड़ेगा। सिकंदर अली ने राज्य सरकार से मांग की कि प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और राज्य में ही रोजगार की ठोस व्यवस्था की जाए ताकि मजदूरी के लिए लोगों को पलायन न करना पड़े।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि झारखंड में विकास के वादों के बावजूद युवाओं को रोजी-रोटी के लिए विदेश क्यों जाना पड़ रहा है — और कब तक ऐसे हादसे झारखंड के घरों में मातम लाते रहेंगे।