माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन से वैश्विक स्तर पर बड़ा व्यवधान…

माइक्रोसॉफ्ट सर्वर के 15 घंटे तक डाउन रहने से वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न हुआ. यह आउटेज शुक्रवार देर रात से शुरू हुआ और शनिवार को भी जारी रहा, जिससे एयरलाइन ऑपरेशन, बैंकिंग सेवाएं, मीडिया आउटलेट्स और विभिन्न व्यवसाय जो माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सेवाओं पर निर्भर थे, प्रभावित हुए. इस आउटेज ने डिजिटल युग में हमारी दैनिक गतिविधियों पर पड़ने वाले भारी निर्भरता को उजागर किया और यह साफ कर दिया कि एक तकनीकी समस्या कितनी बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है.

एयरलाइन ऑपरेशंस पर भारी असर

इस आउटेज का सबसे बड़ा असर एयरलाइन ऑपरेशंस पर पड़ा. वैश्विक स्तर पर 1400 से अधिक उड़ानें देरी से चलीं, और रांची हवाई अड्डे पर भी इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। कई उड़ानें घंटों तक विलंबित रहीं और तीन उड़ानें रद्द कर दी गईं. यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा, और एयरलाइंस ने मैन्युअल चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रिया का सहारा लिया. इन देरी और रद्द उड़ानों के कारण प्रतीक्षालय में भीड़ बढ़ गई, यात्री नाराज हुए, और एयरलाइन स्टाफ को लॉजिस्टिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. रांची हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि इन देरी का सीधा कारण माइक्रोसॉफ्ट सर्वर आउटेज था, जिसने टिकट, बोर्डिंग पास और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को प्रोसेस करने की उनकी क्षमता को प्रभावित किया. संबंधित एयरलाइनों को मैन्युअल रूप से बोर्डिंग पास जारी करने पड़े, जो स्वचालित प्रक्रिया की तुलना में काफी धीमा था.

रांची हवाई अड्डे पर स्थिति

माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में आई समस्या की वजह से शुक्रवार को विमान सेवाओं के साथ-साथ कई और भी सेवाएं प्रभावित रहीं. इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. रांची से तीन विमान उड़ान नहीं भर सकीं. दिल्ली, हैदराबाद और कोलकाता जाने वाली विमानें रद्द रहीं, वहीं कुछ फ्लाइट्स विलंब से चलीं.

यात्रियों को अगली दिन की फ्लाइट का इंतजार

विमान सेवाएं बाधित होने से यात्रियों को अगले दिन की फ्लाइट का इंतजार करना पड़ा. कई यात्रियों को अपने टिकट कैंसिल करवाने पड़े. करीब 500 यात्री रांची एयरपोर्ट पर फंसे रहे. इन यात्रियों को अनमने ढंग से अपना दिन बिताना पड़ा क्योंकि उनकी फ्लाइट रद्द हो गई थी. कई यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था नहीं मिल पाई और वे निराश होकर लौट गए.

मैन्युअल बोर्डिंग पास

टेक्निकल समस्या के कारण यात्रियों को मैन्युअल बोर्डिंग पास जारी किए गए. इससे यात्रियों को अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा और एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ गई.

रांची से विलंब से उड़ान भरने वाले विमान

  • दिल्ली-रांची यूके753 तीन घंटे 43 मिनट विलंब
  • मुंबई-रांची ईके831 दो घंटे 14 मिनट विलंब
  • दिल्ली-रांची ईके5095 तीन घंटे 35 मिनट विलंब
  • दिल्ली-रांची आई5 5776 50 मिनट विलंब
  • बेंगलुरु-रांची ईके 221 21 मिनट विलंब

रांची से विलंब से उड़ान भरने वाले विमान

  • रांची-कोलकाता यूके 6893 48 मिनट विलंब
  • रांची-दिल्ली यूके 754 चार घंटे 04 मिनट विलंब
  • रांची-बेंगलुरु आई5 298 तीन घंटे 19 मिनट विलंब
  • रांची-दिल्ली आई5 2219 एक घंटे 20 मिनट विलंब

बैंकिंग और मीडिया सेवाएं भी प्रभावित

इस आउटेज का प्रभाव बैंकिंग और मीडिया सेवाओं पर भी देखा गया. कई बैंकों के एटीएम और ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं ठप हो गईं, जिससे ग्राहकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा. मीडिया हाउस के कई सिस्टम भी डाउन हो गए, जिससे समाचार प्रसारण और अन्य सेवाओं में देरी हुई. माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में खराबी आने की वजह से बैंक ग्राहकों समेत सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुक्रवार को प्रभावित हुआ. इसका असर आम लोगों पर भी पड़ा. कई ग्राहकों को एटीएम सेवाएं बाधित होने से निराशा का सामना करना पड़ा। इंटरनेट बैंकिंग भी ठप रही. इससे कई वित्तीय लेनदेन अटक गए.

सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप

सरकारी दफ्तरों में भी तकनीकी समस्या के कारण कामकाज ठप रहा. लोग अपने जरूरी काम नहीं कर पाए और उन्हें अगले दिन आने का सुझाव दिया गया. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

क्या है क्लाउड सिस्टम

क्लाउड सिस्टम एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से डेटा और सेवाओं को इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस किया जाता है. इसमें उपयोगकर्ता को अपने कंप्यूटर में डेटा स्टोर करने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि वह डेटा और सेवाओं को इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस कर सकता है. माइक्रोसॉफ्ट का क्लाउड सिस्टम भी इसी प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है, जिसे Azure कहा जाता है.

तकनीकी समस्या का कारण

माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने बताया कि यह समस्या डेटा सेंटर में तकनीकी खराबी के कारण उत्पन्न हुई. विशेषज्ञों ने इसे सुधारने के लिए लगातार प्रयास किया, लेकिन इसमें 15 घंटे का समय लग गया. इस अवधि के दौरान कई महत्वपूर्ण सेवाएं बाधित रहीं.

अधिकारियों का कहना

रांची हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि इस तकनीकी खराबी के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि “इस समस्या के कारण हमें मैन्युअल रूप से बोर्डिंग पास और अन्य दस्तावेजों को जारी करना पड़ा, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हुई.”

आगे की योजना

इस घटना के बाद, माइक्रोसॉफ्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि ऐसी समस्याएं भविष्य में दोबारा न हों. कंपनी ने अपने डेटा सेंटर के सिस्टम को और भी मजबूत और विश्वसनीय बनाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों का निवेश करने का निर्णय लिया है.

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