नई दिल्ली | 4 जुलाई 2025 | भारत ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, साकेत ने विश्व की पहली रोबोट-असिस्टेड सीमेंटलेस मीडियल पिवट नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इस अत्याधुनिक सर्जरी से झारखंड के धनबाद निवासी एक 54 वर्षीय व्यक्ति को नई जिंदगी मिली, जो पिछले आठ वर्षों से घुटनों के भयंकर दर्द और चलने-फिरने में असमर्थता से जूझ रहा था।
कैसे की गई यह ऐतिहासिक सर्जरी?
मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के चेयरमैन डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने यह सफल सर्जरी की।
✅ मरीज दोनों घुटनों में एडवांस ऑस्टियोआर्थराइटिस और जटिल विकृति (Varus – Bow Leg और Flexion Deformity) से पीड़ित था।
✅ इस स्थिति में पारंपरिक सीमेंटेड इंप्लांट की बजाय सीमेंटलेस प्रक्रिया अपनाई गई, जिसमें हड्डी स्वाभाविक रूप से इंप्लांट के चारों ओर विकसित होती है।
✅ इस इंप्लांट का सिंगल-रेडियस, क्रुशिएट-रीटेनिंग डिजाइन प्राकृतिक घुटने के मूवमेंट के बेहद करीब है, जिससे जोड़ों में स्थिरता, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने की क्षमता और मरीज की संतुष्टि में सुधार होता है।
CUVIS रोबोटिक सिस्टम ने बढ़ाई सटीकता
इस सर्जरी में अत्याधुनिक CUVIS रोबोटिक सिस्टम का उपयोग किया गया, जिससे:
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इंप्लांट का सही एलाइनमेंट और सटीक प्लेसमेंट सुनिश्चित हुआ।
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मरीज के बायोमैकेनिक्स के अनुसार रिकवरी प्लान तैयार किया गया।
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मरीज तेजी से सामान्य गतिविधियां करने लगा और दर्द में उल्लेखनीय कमी आई।
डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने क्या कहा?
डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा:
“यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमने भारत में रहकर विश्व की पहली ऐसी सर्जरी की है, जो जॉइंट रिप्लेसमेंट के भविष्य को नए आयाम देती है। मरीज पिछले कई वर्षों से झारखंड में स्थानीय अस्पतालों में इलाज करवा रहा था, लेकिन हालात इतने बिगड़ गए थे कि नजदीक की दूरी भी परिवार के सहारे तय कर रहा था। सर्जरी के कुछ ही दिनों में उसका आत्मविश्वास और गतिशीलता देखना हमारी टीम के लिए बहुत संतोषजनक है।”
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत की उन्नत ऑर्थोपेडिक देखभाल में नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है।
एक और मरीज का सफल उपचार
झारखंड के एक अन्य 57 वर्षीय पेशेवर, जो Varus Deformity (Bow-Leg) के कारण पिछले चार वर्षों से घुटनों के दर्द और चलने में कठिनाई से जूझ रहे थे, का भी सफल उपचार किया गया। इस केस में:
✅ गोल्ड मीडियल पिवट क्रुशिएट-रीटेनिंग इंप्लांट का उपयोग किया गया।
✅ यह इंप्लांट टाइटेनियम-नियोबियम-नाइट्रेट कोटिंग के कारण बेहतर पहनाव प्रतिरोध और बायोकंपैटिबिलिटी प्रदान करता है।
✅ इस सर्जरी में भी CUVIS रोबोटिक सिस्टम ने सटीकता सुनिश्चित की।