रांची – मालाबार ज्वेलरी ग्रुप ने ‘भूख-मुक्त विश्व’ कार्यक्रम शुरू किया जिसके तहत हर दिन 51,000 पौष्टिक भोजन के पैकेट वितरित करने का लक्ष्य है। दुनिया के छठे सबसे बड़े ज्वेलरी ग्रुप मालाबार ने अपने सीएसआर कार्यक्रम ‘भूख मुक्त विश्व’ के तहत कोलकाता के विभिन्न हिस्सों ( रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अस्पताल) में भोजन के पैकेट वितरित किए। साथ ही देश भर के जरूरतमंदों में भी ‘भूख-मुक्त विश्व’ परियोजना के तहत, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने जरूरतमंदों की सहायता के लिए शहर में 51 हजार पौष्टिक भोजन के पैकेट वितरित किए।
आपको बता दें की “भूख-मुक्त विश्व” कार्यक्रम को गैर सरकारी संगठन ‘थानाल – दया पुनर्वास ट्रस्ट’ की मदद से क्रियान्वित किया जाता है। मालाबार समूह और थानाल के स्वयंसेवक सड़कों और शहरी उपनगरों में जरूरतमंद लोगों की पहचान करते हैं और उनके दरवाजे तक भोजन के पैकेट पहुँचाते हैं। मालाबार समूह ने अपने ‘भूख-मुक्त विश्व’ कार्यक्रम के तहत देश में प्रति दिन 51,000 पौष्टिक भोजन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, और यह अपने लक्ष्य के क़रीब है।
मालाबार ग्रुप झारखंड प्रदेश इकाई ने राँची के इरबा, कामता, बुढ़िबागी और ऊपर कोणकी में भी लगभग 1700 पैकेट पौष्टिक भोजन वितरित किये। इसके साथ-साथ ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी क्षेत्र में भी 5700 पैकेट भोजन वितरित किए गए। इसके अलावा मालाबार ग्रुप कई और और शहरों में भी इस मिशन का विस्तार करना चाहता है।
मालाबार समूह के अध्यक्ष, एमपी अहमद बताते हैं कि “वर्तमान में यह कार्यक्रम खाड़ी देशों के कुछ केंद्रों के अलावा, केंद्र शासित प्रदेशों सहित 16 राज्यों एवं कोलकाता सहित 37 शहरों में चल रहा है। आगे 16 राज्यों के 70 शहरों को कवर करने की योजना है। इसके अलावा, मालाबार ग्रुप अफ्रीकी देश जाम्बिया में स्कूली बच्चों के लिए भी यही कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में, महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत लगभग 31,000 भोजन पैकेट वितरित किए गए हैं। बढ़ोतरी के तहत अब 51,000 पौष्टिक भोजन के पैकेट वितरित किए जाएंगे।
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, मालाबार समूह ने थानल के साथ मिलकर गरीब और अनाथ बुजुर्ग महिलाओं की पहचान करने और उन्हें मुफ्त भोजन, आवास और अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए ‘दादी होम’ परियोजना पहले ही शुरू कर दी है। बेंगलुरु और हैदराबाद में ऐसे दो ‘ग्रैंडमा होम’ स्थापित किए गए हैं। चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और केरल के कुछ चुनिंदा शहरों में इसी तरह के घर स्थापित करने की योजना है। इससे उपेक्षित एवं अनाथ महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अवसर मिलेगा। समूह ने सड़क पर रहने वाले बच्चों की प्राथमिक शिक्षा का समर्थन करने के लिए एक सूक्ष्म-शिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके अलावा, मालाबार समूह अन्य सामाजिक कल्याण और धर्मार्थ गतिविधियों जैसे चिकित्सा देखभाल के लिए वित्तीय सहायता, महिला छात्रों को शिक्षा सहायता और घर निर्माण के लिए आंशिक सहायता में भी सक्रिय है। समूह मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स सहित अपने कार्यक्षेत्रों से होने वाले मुनाफे का पांच प्रतिशत सामाजिक कल्याण गतिविधियों के लिए सीएसआर फंड के रूप में निर्धारित करता है। समूह पहले ही ऐसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए 246 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।