मंईयां योजना: एक दिन में 7 लाख महिलाओं ने कराया पंजीकरण….

झारखंड सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी ‘मंईयां योजना’ के तहत महिलाओं के लिए विशेष पंजीकरण अभियान ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. राज्य के विभिन्न जिलों में 15 अगस्त को आयोजित इस अभियान के पहले दिन ही लगभग 7 लाख महिलाओं ने अपना पंजीकरण कराया. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न लाभकारी योजनाओं से जोड़ना है.

योजना का उद्देश्य और लाभ

मईया योजना के तहत राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की हर महिला को लाभान्वित किया जाए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर शुरू की गई इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं से जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत महिलाओं को न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें आवश्यक कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें.

पंजीकरण अभियान में भारी उत्साह

राज्य के सभी जिलों में इस पंजीकरण अभियान के प्रति महिलाओं में भारी उत्साह देखा गया. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, पहले ही दिन राज्य भर से लगभग 7 लाख महिलाओं ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया. पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम और सरल बनाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों का उपयोग किया. जिला प्रशासन की ओर से विशेष शिविरों का आयोजन किया गया, जहां महिलाएं अपने दस्तावेज जमा कर पंजीकरण करा सकती थीं.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पंजीकरण अभियान की सफलता पर खुशी जाहिर की और इसे राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि मईया योजना के माध्यम से राज्य की महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगी, बल्कि उन्हें सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से भी सशक्त बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर में सुधार करना है.

जिलों का योगदान और अभियान की सफलता

राज्य के विभिन्न जिलों से मिली जानकारी के अनुसार, गुमला, हजारीबाग, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम, रांची, पलामू, धनबाद और बोकारो जिलों ने पंजीकरण के मामले में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है. अकेले गुमला जिले में लगभग 88,558 महिलाओं ने पंजीकरण कराया, जबकि हजारीबाग से 83,221 और गिरिडीह से 74,606 महिलाओं ने इस योजना के तहत पंजीकरण किया. इसके अलावा, रांची जिले में 62,403 और पूर्वी सिंहभूम में 61,402 महिलाओं ने पंजीकरण कराया. इस पंजीकरण अभियान की सफलता से यह स्पष्ट है कि राज्य की महिलाएं इस योजना के प्रति काफी उत्साहित हैं और इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रही हैं. राज्य सरकार ने इस योजना के तहत महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता देने का वादा किया है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और वित्तीय सहायता प्रमुख हैं.

आने वाले समय की योजना

राज्य सरकार ने इस योजना को राज्य के हर कोने तक पहुंचाने का संकल्प लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में इस योजना के तहत और भी अधिक महिलाओं को जोड़ने के लिए सरकार व्यापक अभियान चलाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस योजना का लाभ हर जरूरतमंद महिला तक पहुंचाने के लिए पूरी मेहनत से काम करें. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी. सरकार का उद्देश्य है कि झारखंड की महिलाएं इस योजना के माध्यम से अपने जीवन को सुधार सकें और समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.

सफलता की दिशा में कदम

मईया योजना के इस पहले चरण की सफलता ने राज्य सरकार के आत्मविश्वास को और मजबूत किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना की सफलता के लिए सरकार और अधिक मेहनत करेगी और इसे और भी प्रभावी बनाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाएं इस योजना के माध्यम से एक नई दिशा में कदम बढ़ा रही हैं, और यह राज्य के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है.

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