मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत सैकड़ों लाभुकों का आवेदन स्वीकृत हो जाने के बावजूद उनके बैंक अकाउंट में एक हजार रुपए की सम्मान राशि अब तक नहीं पहुंची है. यह योजना हेमंत सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती के बीच 19 अगस्त को लांच की गई थी. इस योजना को 28 अगस्त को कोल्हान स्तर पर गम्हरिया के रपचा में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने औपचारिक रूप से लांच किया था. लांचिंग से पहले प्रशासन ने जिला के 2.56 लाख लाभुकों के बैंक अकाउंट में 24.77 करोड़ रुपए की राशि भेजी थी. हालांकि, 27 अगस्त तक जिला में 9264 आवेदन लंबित थे जिन्हें स्वीकृत कर दिया गया था. इसके बावजूद इन लाभुकों के बैंक अकाउंट में आज तक सम्मान राशि नहीं आई है. कोल्हान स्तर पर योजना लांच किए 14 दिन बीत चुके हैं, लेकिन आवेदकों के बैंक अकाउंट में राशि नहीं पहुंची है. इस स्थिति को लेकर पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के बीच भी चिंता बढ़ गई है.
आवेदन करने वालों की शिकायतें
योजना का लाभ हासिल करने के लिए आवेदन जमा करने वाले लाभुकों को अब अपने पैसे के लिए बीडीओ ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इस योजना का लाभ 18 से 49 साल की महिलाओं को देने का ऐलान सरकार ने किया था और लाभुकों के चयन के लिए पंचायत स्तर पर कैंप लगाए गए थे. कुल स्वीकृत आवेदनों में से 20 से 25 प्रतिशत लाभुकों के बैंक अकाउंट में अब तक सम्मान राशि नहीं पहुंची है. इस योजना के तहत झारखंड सरकार ने आवेदन स्वीकृत करने के लिए काफी लचीला रुख अपनाया है. आमतौर पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का आवेदन सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक द्वारा स्वीकृत किया जाता है, लेकिन मंईयां सम्मान योजना के आवेदन स्वीकृत करने की जिम्मेदारी प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) और अंचलाधिकारी (सीओ) को सौंपी गई है. ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदनों को प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा और शहरी क्षेत्रों के आवेदनों को अंचलाधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाना था.
लाभुकों के मामले
- केस 1: बागबेड़ा कॉलोनी की विमला देवी
- बागबेड़ा कॉलोनी, रोड नंबर 4 की रहने वाली विमला देवी ने पंचायत भवन में लगे कैंप में आवेदन दिया था.प्राप्ति रसीद मिलने के बाद उन्हें आस जगी कि अब उन्हें हर माह योजना की राशि मिलेगी. लेकिन उनके अकाउंट में राशि नहीं आने पर उनके परिजनों ने जमशेदपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय से संपर्क किया. अधिकारी और कर्मचारियों ने आश्वासन दिया कि धीरज रखिए, पैसा जल्द ही आ जाएगा.
- केस 2: मंजू देवी
- मंजू देवी ने भी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक उनके बैंक अकाउंट में राशि नहीं भेजी गई है.इस समस्या को लेकर मंजू देवी प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. मंजू कहती हैं कि आवेदन जमा करने के लिए काफी मशक्कत की थी.
- केस 3: नीलू मिश्रा और उनकी पुत्री रिया मिश्रा
- नीलू मिश्रा और उनकी पुत्री रिया मिश्रा ने भी इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन जमा किया था.प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों ने आवेदन लेने के बाद पावती भी दी थी, लेकिन मां-बेटी के बैंक अकाउंट में राशि नहीं आई है. नीलू मिश्रा स्वयं प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय नहीं गईं, लेकिन पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों से अक्सर पूछती रहती हैं कि उनके बैंक अकाउंट में राशि कब तक आएगी.
योजना के लांच के बाद से ही लाभुकों को उम्मीद थी कि सम्मान राशि समय पर मिल जाएगी, लेकिन प्रशासनिक देरी के कारण यह उम्मीद धूमिल हो रही है. कई लाभुकों का कहना है कि उन्होंने आवेदन जमा करने के बाद काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं. इस स्थिति में प्रशासन की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है कि राशि कब तक लाभुकों के बैंक अकाउंट में जमा की जाएगी. कई लाभुक यह भी कह रहे हैं कि उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से कोई राहत नहीं मिल रही है. ऐसे में कई महिलाओं के मन में योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं.
प्रशासन का कहना
इस पूरे मामले पर प्रशासन का कहना है कि तकनीकी कारणों से कुछ लाभुकों के अकाउंट में राशि नहीं पहुंच पाई है और जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा. प्रशासन के इस आश्वासन के बाद भी लाभुकों के मन में चिंता बनी हुई है कि उन्हें योजना की राशि कब तक मिल पाएगी. मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को सरकार की ओर से प्रति माह एक हजार रुपए दिए जाने हैं, जो कि उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए है. लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए इस योजना का पूरा लाभ लाभुकों तक पहुंचाने में प्रशासनिक तंत्र को और अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है.