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मंइयां सम्मान योजना: पश्चिम बंगाल के ठगों ने सरकार को लगाया करोड़ों का चूना….

झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना (JMMSY) में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. राज्य मुख्यालय द्वारा भेजे गए नए आंकड़ों में पता चला है कि बोकारो जिले में आदिवासी महिलाओं के नाम पर 11,200 फर्जी आवेदन किए गए थे. इनमें से ज्यादातर खाताधारक पश्चिम बंगाल के निकले. अब तक की जांच में पता चला है कि सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा यूसुफ और सुफनी खातुन के नाम पर खोले गए बैंक खातों से किया गया. यूसुफ उत्तर दिनाजपुर के पतागोड़ा, बड़ाखांती का रहने वाला है, जबकि सुफनी खातुन का खाता 94 बार इस्तेमाल किया गया. उसका पता उत्तर दिनाजपुर, मोतिविट्टा (कांटी, झारगांव) में दर्ज है.

गड़बड़ी में 11 बैंकों का इस्तेमाल

जांच में पाया गया कि इस घोटाले को अंजाम देने में फिनो पेमेंट्स बैंक, इंडसइंड बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, IDBI बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ICICI बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक और एयरटेल पेमेंट बैंक का इस्तेमाल किया गया. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गड़बड़ी में शामिल लगभग सभी लाभुकों के उपनाम में “मुर्मू, हांसदा, मंडल” जोड़ा गया, जिससे यह लगे कि वे आदिवासी समुदाय से हैं और सरकारी योजना का लाभ पाने के पात्र हैं.

सॉफ्टवेयर की खामियों ने बढ़ाया फर्जीवाड़ा

इस घोटाले में JAP-IT द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर की भी बड़ी खामी उजागर हुई है. इस सॉफ्टवेयर में राशन कार्ड डेटा को सही ढंग से जांचने की प्रक्रिया नहीं थी. पीएच कार्डधारियों का डेटा स्वचालित रूप से अंकित हो जाता था, लेकिन अन्य कार्डधारियों के लिए यह प्रक्रिया अनियंत्रित थी. इसका फायदा उठाकर किशनगंज (बिहार) के वीएलई और पलामू के सीएससी ऑपरेटरों ने अपने लॉगिन से हजारों फर्जी आवेदन कर दिए. जबकि राज्य सरकार के पास NIC (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) का बनाया हुआ NSAP सॉफ्टवेयर पहले से उपलब्ध था, लेकिन JAP-IT के अधिकारियों ने राज्य सरकार को गुमराह कर नया सॉफ्टवेयर बनवाया.

फर्जी आवेदनों के लिए जिम्मेदार CSC ऑपरेटर्स की लिस्ट

सरकारी जांच में यह भी खुलासा हुआ कि फर्जी आवेदनों के लिए कुछ खास CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) ऑपरेटर्स जिम्मेदार हैं. इनकी पहचान कर ली गई है:

1. CSC ID: 243621130028

VLE (ऑपरेटर) का नाम: विक्कु कुमार

जिला: पलामू

मोबाइल नंबर: 8873482243

2. CSC ID: 542316220013

VLE (ऑपरेटर) का नाम: सुमित कुमार

जिला: पलामू

मोबाइल नंबर: 9122397271

3. CSC ID: 423664770011

VLE (ऑपरेटर) का नाम: फरयाद आलम

जिला: किशनगंज

मोबाइल नंबर: अनुपलब्ध

31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2024 को एक साथ कई बार आवेदन किए गए, जिससे यह साबित होता है कि यह संगठित ठगी का मामला था. सिर्फ 100 खातों से 11,200 आवेदन, सबसे ज्यादा गड़बड़ी चंदनकियारी में जांच में सामने आया कि सिर्फ 100 बैंक खातों से 11,200 आवेदन किए गए. विशेष रूप से सुफनी खातुन के बैंक खाते का इस्तेमाल सबसे ज्यादा चंदनकियारी (49 बार), कसमार (20 बार), बेरमो (12 बार), गोमिया (7 बार), चास-नावाडीह (2 बार), चास नगर निगम (1 बार) और चंद्रपुरा प्रखंड (1 बार) में किया गया. सभी आवेदन पलामू जिले और बिहार के किशनगंज स्थित CSC संचालकों के माध्यम से किए गए.

बोकारो से शुरू हुआ मामला पूरे झारखंड में फैला, अधिकारी दबाव में चुप

वैसे तो बोकारो में यह मामला प्रशासन द्वारा उजागर किया गया, लेकिन झारखंड के लगभग सभी जिलों में इस तरह की गड़बड़ी हुई है. राज्य मुख्यालय ने सभी जिलों के सहायक निदेशकों (सामाजिक सुरक्षा विभाग) को संदिग्ध खातों की सूची भेजी है. लेकिन कई जिलों के अधिकारी बदनामी के डर से इस पर कोई बयान नहीं दे रहे हैं.

प्रशासन ने सख्त कार्रवाई के दिए आदेश

बोकारो उपायुक्त विजया जाधव ने इस फर्जीवाड़े में शामिल खाताधारकों, CSC ऑपरेटर्स और बैंक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अब प्रशासन इस फर्जीवाड़े में शामिल बैंक खाताधारकों से पैसे वसूलने और कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है.

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