कोरोना संक्रमण के कारण लगभग चार महीने से भी अधिक समय तक बंद रहने के बाद राज्य सरकार ने प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर समेत झारखंड के सभी मंदिरों का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है। गुरुवार अहले सुबह 4 बजे मंदिर का पट खुलते ही विधि विधान से माता काे स्नान कराया गया। उसके बाद स्थानीय पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच माता की आरती की गई। कोरोना की पहली लहर में लगभग 6 माह और दूसरी बार में 4 माह से अधिक यानी कुल 146 दिन मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहा। इस बीच यहां पहुंचे पहले श्रद्धालु राज्य के पूर्व मंत्री सह गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी को स्थानीय पुजारी असीम पंडा, शुभाशीष पंडा ने विधि-विधान से माता छिन्नमस्तिका की पूजा अर्चना करवाया।
इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर का पट खोल दिया गया। पुजारियों के साथ-साथ श्रद्धालुओं ने भी नियमों का पालन करते देखे गए। गर्भगृह में प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं को हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग भी कराया जा रहा है। पुजारी भी मास्क और हैडगलब्स पहने हुए नजर आए। मौके पर सांसद प्रतिनिधि धनेश्वर महतो उर्फ डीएम, मुखिया प्रतिनिधि किशुनराम मुंडा, समाजसेवी चंदर महतो, गोला प्रखंड अध्यक्ष कुलदीप साव, राजमोहन, फंटूश, गणेश महतो के अलावे पुजारी असीम पंडा, शुभाशीष पंडा, लोकेश पंडा, गुड्डू पंडा मौजूद थे।
स्थानीय पुजारियों की मानें तो उन्हें अपने जीवन काल में इतना लंबे समय छिन्नमस्तिका मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद नहीं रहा। कोरोना महामारी के कारण लगातार दो बार यह देखने को मिला।