झारखंड में अप्रैल महीने से शराब सस्ती हो जाएगी। शराब की कीमतों में 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की कमी आएगी। ऐसा राज्य के आबकारी और निषेध विभाग के द्वारा कोरोना महामारी के दौरान राजस्व को बढ़ाने के लिए लगाए गए विशेष उपकर के निर्णय को वापस लेने के बाद संभव हो पाया है। कोरोना सेस जो 10 प्रतिशत तय किया गया था अब वो लोगों से नहीं लिया जाएगा। हालांकि सरकार के राजस्व में कोई कमी नहीं आयेगी।
उपकर को वापस लेने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही मंजूरी दे दी थी। विभाग ने झारखंड उत्पाद नियमावली 2018 में संशोधन किया है । जिसके बाद से ही शराब की कीमतें कम करने को लेकर लगातार मांग की जा रही थी। सरकार के इस निर्णय का लाभ शराब विक्रेताओं को मिलने वाला है। शराब विक्रेताओं का कहना है कि कोरोना काल में सरकार का यह बहुत बड़ा फैसला है। सरकार के इस फैसले से शराब की अधिक पेटियों को खरीदने की बाध्यता खत्म हो जायेगी। जिससे सरकार के साथ-साथ दुकानदारों और ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा। इस बदलाव के बाद बीयर में लगभग 10 रुपये और विदेशी शराब की बोतलों में दर के हिसाब से अधिकतम 100 रुपये तक दाम कम होंगे।
कोरोना महामारी की वजह से देशभर में शराब की दुकानें लगभग 60 दिनों के के बाद खोली गई थी। राजस्व घाटे की भरपाई करने के लिए विभाग ने वैट में बढ़ोतरी की और कोरोना से लगा दिया था जिससे शराब के मूल्यों मे वृद्धि हो गई थी। यही वजह रही कि शराब विक्रेताओं की खुदरा बिक्री कम हो गई थी। शराब की बिक्री वित्त वर्ष 2020-21 के अनुमान की तुलना में 35 प्रतिशत तक कम है। खुदरा शराब की बिक्री से झारखंड सरकार के खाते में औसतन 1,800 करोड़ रुपये प्रति वर्ष आते हैं।
सरकार द्वारा कोरोना सेस हटाने के बाद नए दर का लाभ तत्काल प्रभाव से कटौती लागू करते हुए फरवरी महीने से ही देना था। लेकिन व्यापारी वर्ग इस बात पर सहमत नहीं हुए। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने अच्छी पहल की है लेकिन मार्च तक का अधिकतम कोटा दुकानदारों ने खरीद लिया है। अब कोरोना सेस हटाने के बाद अगर अभी नया दर लागू किया जाता है तो इससे दुकानदारों को बहुत नुकसान होगा।