रांची, झारखंड: शराब घोटाले में झारखंड के पूर्व आईएएस अधिकारी और राज्य उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन आयुक्त अमित प्रकाश को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है। 30 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए अमित प्रकाश को एसीबी ने गिरफ्तार कर मंगलवार शाम विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
यह गिरफ्तारी झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में अब तक की छठी बड़ी गिरफ्तारी है। इससे पहले एसीबी ने विभाग के पूर्व प्रधान सचिव एवं झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, पूर्व वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, अभियान प्रभारी सुधीर कुमार, और प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था।
शराब घोटाले का क्या है मामला?
राज्य में शराब की खरीद, भंडारण और बिक्री की प्रक्रिया में कथित तौर पर भारी अनियमितताएं, वित्तीय गड़बड़ी, और प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की बातें सामने आई थीं। जांच में यह पाया गया कि कई नियमों को ताक पर रखकर संविदा कर्मियों की नियुक्ति की गई और भारी धन का दुरुपयोग हुआ।
एसीबी का एक्शन:
एसीबी लगातार इस मामले की जांच में जुटी हुई है और अन्य संदिग्ध अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अदालत ने अमित प्रकाश को न्यायिक हिरासत में भेजने के साथ एसीबी को आगे की पूछताछ के लिए प्रावधान के तहत प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप:
इस मामले में एक के बाद एक हो रही गिरफ्तारियों से झारखंड के प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है। यह घोटाला राज्य सरकार की पारदर्शिता और व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।