गिरिडीह में अवैध रूप से आवंटित 208 राशन डीलरों का लाइसेंस रद्द, पढ़ें क्या है मामला..

गिरिडीह में सता और अधिकारियों के कॉकटेल के कारण नियमों की धज्जियां उड़ने का एक मामला चर्चा में है. जिले में एक साथ 208 राशन डीलरों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लाइसेंस रद्द करने के बाद सभी राशन डीलर आंदोलन की राह पर है. आंदोलन के तहत राशन डीलरों ने वर्तमान डीएसओ गौतम भगत पर कारवाई की भी मांग की है. इस मामले में जिले के पूर्व डीसी राहुल सिन्हा और तत्कालीन प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी और वर्तमान एनडीसी सुदेश कुमार जांच के घेरे में हैं. इसके अलावा शहर के एक बड़े सरकारी केरोसिन तेल के कारोबारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में बताया जा रहा है. पूर्व डीसी राहुल सिन्हा के कार्यकाल की सीबीआई जांच की मांग करते हुए गिरिडीह के कांग्रेसी नेता उपेंद्र सिंह ने इस संबंध में एक आवेदन सीएम हेमंत सोरेन को चार दिन पहले सौंपा है.

क्या है मामला..
मिली जानकारी के अनुसार 2020 में कोरोना महामारी के समय तत्कालीन जिला आपूर्ति अधिकारी सुदेश कुमार ने सारे नियमों को ताक पर रखकर एक साथ 208 महिला स्वयंसहायता समूहों,पैक्स व कई अन्य लोगों को जनवितरण प्रणाली की दुकानों का लाइसेंस निर्गत कर दिया था. सुदेश कुमार को तत्कालीन डीसी राहुल सिन्हा ने जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार सौंपा था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तत्कालीन डीसी और पूर्व जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह वर्तमान एनडीसी सुदेश कुमार आपस में रिश्तेदार हैं. और इसी का फायदा उठाकर जिला आपूर्ति अधिकारी रहते सुदेश कुमार ने नियमों को ताक पर रखकर 208 नए राशन डीलर का लाइसेंस निर्गत कर दिया. जबकि प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी को ऐसा करने का अधिकार नहीं होता है. लाइसेंस निर्गत करने में खामियां ऐसी थी कि सही ढंग से फॉर्म भी नहीं भरे हुए थे. साथ ही लाइसेंस के लिए जरूरी कई अन्य डॉक्यूमेंट भी सही नहीं थे. बावजूद इसके जिला आपूर्ति अधिकारी के रूप में एनडीसी सुदेश कुमार ने लाइसेंस निर्गत कर दिया.

दो साल बाद मामले का हुआ खुलासा..
दो साल बाद इस मामले का खुलासा तब हुआ जब वर्तमान जिला आपूर्ति अधिकारी गौतम भगत ने जारी इन लाइसेंस में जरूरी दस्तावेजों को सही नहीं पाया. गौतम भगत की मानें तो आठ और लाइसेंस को रद्द किए जाने की प्रक्रिया की जा रही है. इसके लिए उन्हें पहले दो नोटिस दिया जाएगा, उसके बाद उनके लाइसेंस रद्द किए जायेगें. इधर इस मामले को लेकर गिरिडीह सांसद प्रतिनिधि और आजसू नेता गुड्डू यादव ने पूरे मामले की जांच की मांग की है. साथ ही इसमें संलिप्त अधिकारी व अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है अन्यथा इस मामले को लेकर आजसू की ओर से आंदोलन किए जाने की बात कही है.