झारखंड विधानसभा में एक बार फिर सत्र शुरू होने वाला है लेकिन नेता प्रतिपक्ष की सीट इस बार भी खाली रहेगी| विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो विपक्ष द्वारा प्रस्तावित बाबूलाल मरांडी के नाम पर मुहर लगाने को तैयार नहीं हैं| अब उन्होंने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष के लिए भाजपा अगर दूसरा नाम दे तो फिर विचार किया जा सकता है। विधानसभा परिसर में मीडिया से मुखातिब होते हुए हुए उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को मान्यता देने का मामला न्यायाधिकरण में चल रहा है। इसे लेकर आवश्यक प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में अगर भाजपा की ओर से किसी दूसरे नाम की अनुशंसा की जाती है तो उसपर विचार किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल इसपर ज्यादा बोलना ठीक नहीं होगा। संविधान के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष का फैसला विधानसभा अध्यक्ष ही करते हैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से नोटिस भी जारी की गई थी, लेकिन संबंधित पक्ष उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट गए। वो भी चाहते हैं कि इसपर जल्द निर्णय हो।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो के समक्ष भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने के मामले को एक बार फिर उठाया है। बुधवार को विरोधी दल के मुख्य सचेतक एवं बोकारो के विधायक बिरंची नारायण ने स्पीकर को इस संदर्भ में पत्र भी सौंपा।
बिरंची नारायण ने विधानसभा सदस्य प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के संदर्भ में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम द्वारा स्पीकर को सौंपे गए पत्र के आधार पर अपनी दलील पेश की| इसमें उन्होंने बाबूलाल मरांडी को विधानसभा के बजट सत्र में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने का अनुरोध किया। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा राज्यसभा चुनाव के दौरान दिए गए निर्देश का भी हवाला दिया।
पत्र में बिरंची नारायण ने कहा कि गत 17 फरवरी को कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा अध्यक्ष को झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर निर्वाचित प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय की सहमति प्रदान करने के लिए पत्र प्रेषित किया था। पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि झाविमो राजनीतिक दल और विधायक दल का कांग्रेस में विलय वैध है तथा यह संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल है। ऐसे में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के मामले में भी न्याय होना चाहिए। पत्र में ये भी कहा गया है कि बाबूलाल मरांडी के मत से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।