चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। चारा घोटाले से जुड़े RC 47 A/96 डोरंडा कोषागार मामले वे एक बार फिर फंसते नजर आ रहे हैं। 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के इस मामले में 10 महीने बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में एक बार फिर से सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई सप्ताह में दो दिन होगी। सीबीआई की ओर से सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है।अब लालू यादव सहित अन्य आरोपियों की तरफ से गवाही हो रही है। मुख्य आरोपी के रूप में लालू प्रसाद यादव भी अपनी गवाही दर्ज करा चुके हैं । अब बस दो-तीन गवाहों को ही अपना बयान दर्ज कराना है।
अदालत ने अगली तारीख 12 फरवरी को निर्धारित की है। चारा घोटाले के इस पांचवे मामले में भी उन्हें कैद – जुर्माने की सजा हो सकती है।
चारा घोटाले के 4 मामलों में सजा काट रहे लालू यादव को उच्च न्यायालय ने 3 मामलों में जमानत दे दिया है और एक मामले की सुनवाई चल रही है। आधी सजा काटने और गंभीर बीमारियों की दलील के सहारे उन्होंने जमानत की आस लगा रखी है।
लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल झारखंड उच्च न्यायालय में उनकी जमानत याचिका की पैरवी कर रहे हैं। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई होगी।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही लालू यादव की तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ,दिल्ली रेफर किया गया था। उससे पहले उनका इलाज रिम्स रांची में चल रहा था।
इधर लालू यादव को एम्स दिल्ली भेजे जाने को लेकर पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई में कहा कि कोर्ट की बिना जानकारी के उन्हें एम्स, दिल्ली कैसे भेज दिया गया? लालू यादव की मेडिकल रिपोर्ट अदालत में पेश किया जाना चाहिए था। रिम्स निदेशक द्वारा अदालत में मेडिकल रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर अदालत ने शो-कॉज नोटिस भी जारी किया है।
एक अन्य मामले जेल मैनुअल उल्लंघन में उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है।