लक्ष्मी विलास बैंक के DBIL में विलय के बाद ग्राहक किन बातों का रखें ध्यान

लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) का अब DBS बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) में विलय हो गया है। DBS बैंक इंडिया लिमिटेड सिंगापुर स्थित DBS ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट -1949 की धारा 45 के तहत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को प्राप्त विशेष अधिकार के तहत DBS बैंक इंडिया में लक्ष्मी विलास बैंक का विलय 27 नवंबर से प्रभावी हो गया है।

लक्ष्मी विलास बैंक पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगायी गयी रोक हटा दी गई है और ग्राहक शाखाओं, डिजिटल चैनल एवं एटीएम नेटवर्क के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं का उपयोग जारी रख सकते हैं। सभी लक्ष्मी विलास बैंक कर्मचारी सेवा में बने रहेंगे और LVB के अधीन नियमों और शर्तों का पालन करेंगे। लक्ष्मी विलास बैंक के झारखण्ड में चार शाखाएं हैं जिनमें से दो रांची और एक जमशेदपुर में है।

लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों को क्या ध्यान रखना चाहिए

  • ग्राहक LVB की सभी सुविधाओं और नेटवर्क के माध्यम से बैंकिंग उपयोग कर सकते हैं
  • एकीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही ग्राहक डीबीएस नेटवर्क का उपयोग शुरू कर सकेगें। यह बैंक द्वारा भविष्य में सभी LVB ग्राहकों को सूचित किया जाएगा।
  • बचत बैंक खातों और सावधि जमा पर ब्याज दरें समान रहेंगी।
  • बचत बैंक खातों पर ब्याज दरों को भी अगली सूचना तक LVB (पूर्व-विलय) द्वारा प्रस्तावित दरों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
  • होम लोन पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं है। ब्याज दरों में बदलाव के बारे में उधारकर्ता को सूचित किया जाएगा।
  • खाता नंबर या शाखा IFSC कोड में कोई परिवर्तन नहीं है।
  • इंटरनेट / मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से बैंकिंग जारी रख सकते हैं।
  • मौजूदा LVB चेकबुक और डेबिट कार्ड का उपयोग नियमित लेनदेन के लिए जारी रख सकते हैं।
  • छह महानगरों (मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता) में अन्य बैंकों के एटीएम से प्रति माह तीन मुफ्त लेनदेन के बाद डीबीएस बैंक के एटीएम में लेनदेन पर 18 रुपये प्रति वित्तीय लेनदेन और 6 रुपये गैर-वित्तीय लेनदेन का शुल्क लिया जाएगा।
  • महानगरों के बाहर स्थित बैंकों में प्रति माह पांच मुफ्त लेनदेन की अनुमति है।