झारखंड हाईकोर्ट में धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में सीबीआई की जांच रिपोर्ट से असंतुष्टि जताई। कोर्ट ने CBI को जांच में तेजी लाने और केस के सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए कहा है। एडवोकेट जनरल राजीन रंजन ने बताया कि कोर्ट ने सीबीआई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्हें इसे अगले सप्ताह दाखिल करना है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वह हर हफ्ते जांच स्थिति हाईकोर्ट के समक्ष रखें, ताकि पता चल सके कि जांच कहां तक पहुंची है। पिछली सुनवाई के दौरान भी देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने सीबीआई और जांच एजेंसी को लेकर सख्त टिप्पणी की थी और कहा था कि जजों की शिकायत के मामलें जांच एजेंसी मदद नहीं कर रही है।
इससे पहले आज धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले में गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को सीबीआई ने अचानक न्यायालय में पेश कर उनकी रिमांड लौटा दी। कोर्ट के आदेश पर शाम में दोनों को जेल भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार 13 अगस्त से लेकर 19 अगस्त, 2021 तक फिर से रिमांड पर दोनों को CBI लेगी। इस संबंध में सीबीआई की विशेष दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल के न्यायालय से सीबीआई ने आदेश भी प्राप्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि 19 अगस्त तक सीबीआई दोनों आरोपियों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने के प्रयास में है। धनबाद में दोनों टेस्ट की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें दिल्ली, गुजरात या हैदराबाद ले जाने की कोशिश हो रही है।
गौरतलब है कि जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई को ऑटो के टक्कर से हो गई थी। मॉर्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो ने उन्हें कुचल दिया था, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज में हत्या का एंगल भी सामने आया था। पुलिस हत्या के एंगल से मामले की जांच कर रही थी। सरकार ने इसके लिए एसआईटी भी गठित की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस को सीबीआई को सौंप दिया था।