जानिए वित्त मंत्री के पिटारे से जनता को क्या मिलेगा खास..

झारखंड विधानसभा में बुधवार 3 मार्च को वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करेंगे| बीते वित्तीय वर्ष में सरकार की ओर से राजकीय कोष की कमी और दबाव की बातें की गई| मुख्यमंत्री ने इसके लिए कभी कोरोना संकट का हवाला दिया तो कभी केंद्र की बेरूखी का|

लेकिन अब लोगों की झारखंड के लोगों की नज़र हेमंत सरकार के दूसरे बजट पर है| महंगाई की मार झेल रही जनता, राज्य सरकार से मदद की उम्मीद कर रही है| वहीं युवा वर्ग मुख्यमंत्री के वादे के तहत रोज़गार के अवसर के लिए कुछ नई घोषणा सुनना चाहती है|

हालांकि बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के 86,370 करोड़ रुपए के मूल बजट के मुकाबले इस बार बजट का आकार बढ़ाया जाएगा| ये करीब 92 हजार करोड़ का होगा| हेमंत सरकार कोरोना संक्रमण से उबरने के लिए इस बार भी बड़े प्रोजेक्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के बजाए लोगों से सीधे जुड़ी योजनाओं को अहमियत देगी।

कल के बजट में यूनिर्वसल पेंशन योजना की घोषणा हो सकती है जिसके तहत सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आने वाले सभी जरूरतमंद वृद्ध, विधवा, दिव्यांग व अनाथों को मासिक पेंशन दिया जाएगा। निजी क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में झारखंडी युवाओं को आरक्षण दिलाने की भी घोषणा होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा नए और पुराने मेडिकल कॉलेज को चलाने के लिए भी एक्शन प्लान की घोषणा हो सकती है।

इन बातों पर होगा फोकस
निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को आरक्षण
निजी क्षेत्र की तीसरे व चौथे श्रेणी की नौकरियों में झारखंड के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था होगी। बजट में इस बात का प्रावधान होगा कैसे ये व्यवस्था लागू कराई जाए। दरअसल इस बात की घोषणा तो मुख़्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही कर चुके हैं लेकिन तकनीकी कारणों से ये अब तक लागू नहीं हो पाया है।

जल जीवन मिशन योजना
ग्रामीण इलाके में लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर भी सरकार प्रयासरत है| अधिक से अधिक घरों में पानी पहुंचाने को लेकर सरकार इसके लिए बजट आकार भी डेढ़ गुना तक बढ़ा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह चापानल भी लगवाने की योजना है।

आदिवासियों के हित की बात
मुख्यमंत्री हमेशा आदिवासी हितों की बात करते हैं तो ऐसे में माना जा रहा है कि कल की बजट में आदिवासियों के सशक्तिकरण और विकास को लेकर भी फोकस रहेगा| इसके अंतर्गत आदिवासियों को छात्रवृत्ति के लिए बड़ी राशि के प्रविधान बजट में हो सकता है| अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के युवाओं को रोजगार के लिए 40 फीसद अनुदान पर ऋण देने के लिए राशि के प्रविधान किए जा रहे हैं। इस सब के अलावा ई-लर्निंग, प्रयोगशाला, पुस्तकालय की स्थापना, साइकिल, छात्रवृत्ति, चिकित्सा अनुदान, पहाड़िया स्वास्थ्य योजना, बिरसा आवास योजना, शहीद ग्राम विकास योजना आदि को लेकर भी बजट में प्रविधान हो सकता है|

पहली बार पेश होगा आउटकम बजट
झारखंड में पहली बार 11 विभागों का आउटकम बजट भी पेश होगा। सरकारी कामकाज की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार बताएगी कि चालू वित्तीय वर्ष के बजट का कितना काम हुआ है। इस आउटकम बजट में पैसे खर्च न होने और काम न होने के कारण का भी उल्लेख होगा।

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