गुमला जनसभा में कल्पना सोरेन का भाजपा पर हमला, सरना धर्म कोड पर उठाए सवाल….

गांडेय की विधायक कल्पना सोरेन ने सोमवार को गुमला जिले के सिसई में जनसभा को संबोधित किया, जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं हिमंत बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान पर तीखा हमला किया. अपने भाषण में उन्होंने इन नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि बाहरी नेता, जो झारखंडी भाषा और संस्कृति से वाकिफ नहीं हैं, वे यहां के भाग्यविधाता बनने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उनकी इच्छाएं पूरी नहीं होतीं, तो वे अच्छे काम करने वालों को परेशान करना शुरू कर देते हैं.

भाजपा पर निशाना

कल्पना सोरेन ने 2016 में झारखंड में भाजपा सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भाजपा सरकार ने राज्य के अल्पसंख्यक विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली रोक दी थी. यह फैसला शिक्षा और समाज दोनों पर गहरा असर डालने वाला था, और इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों को शिक्षा से दूर रखना था. इसके अलावा, उन्होंने सरना धर्म कोड पर भी भाजपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर दिया है, लेकिन भाजपा इसके खिलाफ है और नहीं चाहती कि यह लागू हो. उनका मानना है कि भाजपा राज्य की सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक विविधता को नष्ट करने की कोशिश कर रही है.

भाजपा के खिलाफ आरोप

कल्पना सोरेन ने भाजपा पर हमला करते हुए उन्हें “पीआईएल मास्टर गैंग” करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा वाले झारखंड की सभी योजनाओं में बाधा डाल रहे हैं. चाहे वह नियोजन नीति हो, पिछड़ों के लिए आरक्षण का मुद्दा हो, या मइया सम्मान योजना हो, भाजपा को कोई भी योजना रास नहीं आ रही है. उनका आरोप था कि भाजपा केवल रुकावट डालने के लिए पीआईएल दाखिल करती है ताकि विकास कार्यों में देरी हो और जनता का भला न हो सके. उन्होंने झारखंड की कुड़ुख भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संघर्ष जारी रखने का वादा किया और कहा कि उनकी “अबुआ सरकार” हर हाल में झारखंड की संस्कृति और पहचान को संरक्षित रखेगी.

खनिज राजस्व और वित्तीय मुद्दे

खनिज राजस्व के संदर्भ में, कल्पना सोरेन ने भाजपा पर राज्य के खजाने का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि झारखंड की संपदा झारखंडियों की है, लेकिन भाजपा इसे दूसरे राज्यों के विकास में इस्तेमाल करना चाहती है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मनरेगा योजना के तहत झारखंड के हिस्से की हजारों करोड़ रुपये की राशि अब तक बकाया है. भाजपा सरकार ने राज्य की खनिज संपदा का लाभ उठाते हुए झारखंड को उसकी सही रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया.

गोगो दीदी योजना पर हमला

वहीं, झारखंड की कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने गोगो दीदी योजना पर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष चुनाव को ध्यान में रखकर गोगो दीदी योजना के तहत फार्म भरवा रहा है, लेकिन चुनाव के बाद इसे नजरअंदाज कर दिया जाएगा. उनका दावा था कि यह योजना केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है और इसके तहत जनता के साथ छल किया जा रहा है. दीपिका पांडेय सिंह ने यह भी कहा कि इंडी गठबंधन सरकार विशेष रूप से गुमला जिले में मोटे अनाज को प्रोत्साहन दे रही है और किसानों का लोन माफ कर रही है. उन्होंने जानकारी दी कि सरकार मिलेट (मोटे अनाज) किसानों को प्रोत्साहन के रूप में 50 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा रही है, ताकि किसानों को आर्थिक सहायता मिल सके और राज्य में कृषि का विकास हो.

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