झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा (CGL) के परिणाम को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पेपर लीक के कारण यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में पहुंचा, जहां 22 जनवरी को सुनवाई हुई. इस सुनवाई में राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट से 4 सप्ताह का समय मांगा. इसके बाद झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने अगली सुनवाई की तारीख 26 मार्च तय की है.
पेपर लीक और जांच का मामला
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक की शिकायतों के चलते आयोग पर सवाल खड़े हुए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी जांच सीआईडी को सौंपी. सरकार की ओर से झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट में बताया कि सीआईडी अभी शिकायतों की जांच कर रही है. परीक्षार्थियों और अन्य शिकायतकर्ताओं द्वारा दिए गए प्रमाणों को फॉरेंसिक साइंस लैब भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने में समय लगेगा, इसलिए सरकार ने 4 सप्ताह की मोहलत मांगी है.
कोर्ट में सुनवाई और निर्णय
हाईकोर्ट ने सरकार की अपील पर विचार करते हुए अगली सुनवाई 26 मार्च को करने का निर्देश दिया है. अदालत के इस आदेश के बाद परीक्षार्थियों को परिणाम का इंतजार और लंबा हो गया है. जब तक जांच पूरी नहीं होती और कोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक परिणाम जारी करना संभव नहीं होगा.
पोल में जनता की राय
इस विवाद के बीच जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले पर एक ऑनलाइन पोल आयोजित किया. इस पोल में 8,581 लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से 6,059 लोगों का मानना था कि परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया जाना चाहिए, जबकि 1,910 लोगों का सुझाव था कि इस परीक्षा को रद्द कर दिया जाना चाहिए. इससे साफ जाहिर होता है कि बड़ी संख्या में परीक्षार्थी जल्द से जल्द परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं.
जेएसएससी द्वारा अब तक की कार्रवाई
इस विवाद के बावजूद जेएसएससी ने फाइनल आंसर की जारी कर दी थी और चयनित उम्मीदवारों की सूची डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए प्रकाशित की थी. 16 से 20 दिसंबर के बीच रांची के नामकुम स्थित जेएसएससी ऑफिस में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया. हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान कुछ छात्रों ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को बाधित करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया.
परीक्षार्थियों की परेशानी और नाराजगी
परीक्षार्थी पिछले साल सितंबर से इस परिणाम का इंतजार कर रहे हैं. बार-बार कोर्ट में सुनवाई की नई तारीखें आने से उनका धैर्य जवाब दे रहा है. छात्रों का कहना है कि बार-बार तारीख बढ़ाने से उनके करियर पर बुरा असर पड़ रहा है. कई छात्र इस मामले में निष्पक्ष जांच और जल्द से जल्द परिणाम जारी करने की मांग कर रहे हैं.